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एनजीटी के नोटिस से टूटी दुगड्डा नगर पालिका की नींद

राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण (एनजीटी) की ओर से जारी नोटिस का असर दिखा और दुगड्डा नगर पालिका ने न सिर्फ खोह नदी में फेंके गए कूड़े को साफ करा दिया। बल्कि नदी किनारे दीवार भी खड़ी कर दी ताकि कूड़ा नदी से दूर रहे।

By JagranEdited By: Published: Sat, 23 Nov 2019 03:01 AM (IST)Updated: Sat, 23 Nov 2019 06:12 AM (IST)
एनजीटी के नोटिस से टूटी दुगड्डा नगर पालिका की नींद
एनजीटी के नोटिस से टूटी दुगड्डा नगर पालिका की नींद

कोटद्वार: राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण (एनजीटी) की ओर से जारी नोटिस का असर दिखा और दुगड्डा नगर पालिका ने न सिर्फ खोह नदी में फेंके गए कूड़े को साफ करा दिया। बल्कि नदी किनारे दीवार भी खड़ी कर दी ताकि कूड़ा नदी से दूर रहे।

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जागरण संवाददाता, कोटद्वार: राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण (एनजीटी) की ओर से जारी नोटिस का असर दिखा और दुगड्डा नगर पालिका ने न सिर्फ खोह नदी में फेंके गए कूड़े को साफ करा दिया। बल्कि नदी किनारे दीवार भी खड़ी कर दी ताकि कूड़ा नदी से दूर रहे। इतना ही नहीं, नगर से उठने वाले कूड़े के निस्तारण को पालिका ने ग्राम गोदी के समीप भूमि चयनित कर दी है, जिसके हस्तांतरण का प्रस्ताव शासन स्तर पर लंबित है।

बताते चलें कि जिस दुगड्डा नगर पालिका के जिम्मे चूनाधारा के आसपास सफाई की पूरी जिम्मेदारी थी। वही नगर पालिका दुगड्डा लंबे समय से शहर से उठने वाले कूड़े को चूनाधारा के समीप ही खोह नदी में फेंककर नदी के साथ ही चूनाधारा को भी बदरंग कर रही है। बताना जरूरी है कि चार वार्डों वाली दुगड्डा नगर पालिका की कुल आबादी 2422 है। नगर से प्रतिदिन करीब 20 कुंतल कूड़ा उठता है, जिसके निस्तारण के लिए नगर पालिका के पास आज कोई ट्रेंचिग ग्राउंड नहीं है। नतीजा, नगर पालिका लगातार खोह नदी में ही कूड़ा फेंक रही थी। लैंसडौन वन प्रभाग की ओर से भी इस संबंध में दुगड्डा नगर पालिका को नोटिस जारी किया गया था, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। इधर, खोह नदी को बचाने के लिए सामाजिक संस्था वॉल ऑफ काइंडनेस की ओर से बीते सितंबर माह में जनहित याचिका दायर की गई, जिसके बाद एनजीटी ने उत्तराखंड शासन के साथ ही दुगड्डा नगर पालिका को नोटिस जारी कर दिए। जारी नोटिस के बाद दुगड्डा नगर पालिका की नींद टूटी और पालिका ने कूड़े को नदी में गिरने से बचाने के लिए नदी किनारे दीवार बना दी।

इधर, शासन ने एनजीटी की ओर से जारी नोटिस के बाद पांच सदस्यीय टीम का गठन कर पूरे प्रकरण की जांच करवाई। जांच के दौरान यह स्पष्ट हुआ कि नगर पालिका दुगड्डा की ओर से ठोस अपशिष्ट का निस्तारण चूनाखाल नामक स्थान पर किया जा रहा है, लेकिन यह निस्तारण वैज्ञानिक तरीके से नहीं हो रहा। स्पष्ट कहा गया कि बारिश होने पर ठोस अपशिष्ट नदी में बहने की आशंका रहती है। शासन ने टीम की रिपोर्ट को एनजीटी में भेज दिया है। एनजीटी में सुनवाई के दौरान इस रिपोर्ट पर भी चर्चा होगी।


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