गांव में काम का आधार से रुक सकता है पलायन
जागरण संवाददाता पौड़ी चकबंदी आंदोलन के प्रणेता गणेश गरीब ने कहा कि गांवों में कार्य क
जागरण संवाददाता, पौड़ी: चकबंदी आंदोलन के प्रणेता गणेश गरीब ने कहा कि गांवों में कार्य करने का आधार हो तो पलायन जैसी समस्या को काफी हद तक दूर किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि इसके लिए खेती, काश्तकारी को बचाना भी जरुरी है। उन्होंने सरकार से चकबंदी लागू किए जाने की भी मांग की।
मीडिया परिसर में पत्रकारों से बातचीत में चकबंदी आंदोलन के प्रणेता गणेश गरीब ने कहा कि गांव से ही विकास की बुनियाद शुरू होती है। इसके लिए खेती बाड़ी को प्रोत्साहन देकर सरकार को गांवों में ही रोजगार के अवसर पैदा करने चाहिए। ताकि युवा रोजगार के लिए पहाड़ी क्षेत्रों से पलायन न करे। उन्होंने चिता जताई कि राज्य बनने के इन बीते सालों में कई सरकार आई और गई। सभी ने खेतों की चकबंदी को लेकर खूब बैठकें और मंथन किया, लेकिन आज तक सही मायने में देखें तो चकबंदी को लेकर इसका एक्ट ही नहीं बना। गरीब ने कहा कि जब तक खेतों की चकबंदी नहीं किी जाती तब तक न तो खेत ही ठीक से आबाद होंगे और न ही किसानी की ओर किसान अच्छे से ध्यान दे पाएंगे। उन्होंने कहा कि गांवों को बचाने के लिए खेती को बचाना जरुरी है। इसके लिए सरकार के पास खेतों की चकबंदी ही एक मात्र विकल्प रह जाता है। तभी भूमि का उचित प्रबंधन हो पाएगा। उन्होंने कहा कि सरकार को चाहिए कि ग्रामीण क्षेत्रों में क्वालिटी परख शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार बढ़ाने के अलावा खेतों को बचाने के लिए चकबंदी और किसानों को प्रोत्साहन दिया जाए तो पलायन की समस्या स्वत: ही समाप्त हो जाएगी।