कोरोनाकाल में जरूरतमंदों की भूख मिटा रहे जतिन
रोहित लखेड़ा कोटद्वार कोरोना की पहली लहर रही हो या अब दूसरी लहर प्रशासन व पुलिस ने
रोहित लखेड़ा, कोटद्वार
कोरोना की पहली लहर रही हो या अब दूसरी लहर, प्रशासन व पुलिस ने जरूरतमंदों तक मदद पहुंचाने के भरसक प्रयास किए। लेकिन, इस सबसे हटकर अमेरिका से कोटद्वार लौटा एक युवा ऐसा भी है, जो लगातार गरीब एवं असहाय परिवारों तक निश्शुल्क भोजन पहुंचा रहा है। वह भी बिना किसी सरकारी अथवा निजी संस्था की मदद के। 'एकला चलो' की तर्ज पर चल रहे इस युवा के साथ धीरे-धीरे लोग जुड़ते चले गए और आज वह क्षेत्र में जन-जन का चहेता बन गया है।
बात हो रही है कोटद्वार नगर निगम क्षेत्र के पदमपुर निवासी 32-वर्षीय जतिन नेगी की, जो बीते वर्ष लाकडाउन के दौरान अमेरिका में रह रहे थे। वहां उन्होंने लाकडाउन से कोटद्वार क्षेत्र में आमजन की हो रही परेशानियों को महसूस किया। इसलिए जब उनकी घर वापसी हुई तो जरूरतमंदों के लिए कुछ करने का जज्बा मन में समाया हुआ था। हालांकि, तब कोरोना संक्रमण की पहली लहर समाप्त हो चुकी थी। ऐसे में जतिन की मदद करने की मंशा पूरी न हो सकी और वो कोटद्वार में ही स्वरोजगार में जुट गए।
कोरोना की दूसरी लहर शुरू हुई और सरकार ने चरणबद्ध ढंग से कोविड कर्फ्यू लगाना शुरू कर दिया। ऐसे में श्रमिकों के सामने दो वक्त की रोटी का भी संकट खड़ा होने लगा। तब जतिन जरूरतमंदों की मदद को आगे आए और राजकीय बेस चिकित्सालय के बाहर सड़क किनारे निश्शुल्क भोजन स्टाल शुरू कर दिया। एक मई से शुरू हुआ यह स्टाल आज भी जारी है। स्टाल में प्रतिदिन 800 से एक हजार व्यक्ति भोजन करते हैं। शुरूआत में जतिन ने अपनी जेब से पैसा लगाकर स्टाल चलाया, लेकिन आज क्षेत्र के तमाम लोग इस स्टाल को चलाने में सहयोग कर रहे हैं। लोग अपनी श्रद्धा से स्टाल में कच्चा राशन, दाल, सब्जी, दोने, पानी आदि पहुंचा रहे हैं। जतिन बताते हैं कि जब तक क्षेत्र में छोटे होटल नहीं खुल जाते, भोजन व्यवस्था अनवरत चलती रहेगी।
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ऐसे मिली प्रेरणा
जतिन बताते हैं कि वह अमेरिका में एक क्रूज शिप में नौकरी करते थे। कोरोनो की पहली लहर के दौरान वे अमेरिका में थे। तब सोशल मीडिया पर अपलोड भारत से जुड़े वीडियो उन्हें अंदर तक झकझोर देते थे। सो, उन्होंने भारत वापस लौटने का मन बना लिया। ताकि जरूरतमंदों की मदद का कर सकें।
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शौचालय की सुधारी दशा
बेस चिकित्सालय के बाहर भोजन का स्टाल लगाए जतिन ने चिकित्सालय के बाहर बने नगर निगम के सार्वजनिक शौचालय की भी दशा सुधार दी है। इस शौचालय में यूरिनल पूरी तरह टूटे हुए थे और पानी की भी व्यवस्था नहीं थी। शौचालय में गंदगी पसरी रहती थी। जतिन ने यूरिनल लगाने के साथ ही सफाई व पानी की व्यवस्था करवाई। साथ ही चिकित्सालय गेट के बाहर एक वाश बेसिन भी लगाया, ताकि भोजन करने से पूर्व लोग हाथ धो सकें।