सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर सीईसी की टीम ने किया लालढांग-चिलरखाल मोटर मार्ग का निरीक्षण
सेंट्रल इम्पावर कमेटी (सीईसी) की दो सदस्यीय टीम ने मंगलवार को लालढांग-चिलरखाल वन मोटर मार्ग का निरीक्षण किया।
कोटद्वार, जेएनएन। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर सेंट्रल इम्पावर कमेटी (सीईसी) की दो सदस्यीय टीम ने मंगलवार को लालढांग-चिलरखाल वन मोटर मार्ग का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान वन विभाग, राजस्व विभाग व लोक निर्माण विभाग की टीम मौजूद रही।
दोपहर करीब दो बजे सीईसी के सचिव अमरनाथ सेठी और सदस्य एमके मुथ्थू लालढांग वन विश्राम गृह में पहुंचे, जहां उन्होंने विभागीय अधिकारियों से वार्ता की। वार्ता के बाद दो सदस्यीय टीम ने लालढांग से चिलरखाल की ओर आ रही सड़क का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान टीम ने लालढांग-चिलरखाल के मध्य तीन किलोमीटर हिस्से में हुए डामर कार्य का निरीक्षण करने के साथ ही चार जगह पर सड़क की चौड़ाई नापी। दरअसल, सुप्रीम कोर्ट में दिए गए हलफनामे में वन महकमे का कहना था कि सड़क में तीन मीटर हिस्से में डामर बिछाया गया है। इसके बाद, टीम ने वन क्षेत्र में प्रवेश किया और लालढांग-चिलरखाल के मध्य मैली स्त्रोत पर बने पुल का निरीक्षण किया।
पुल से लंबाई, चौड़ाई मापने के साथ ही नदी तल से पुल की ऊंचाई भी मानी गई। टीम ने वन मार्ग पर भी कई स्थानों में सड़क की नपत की। साथ ही लालढांग-चिलरखाल के मध्य निर्माणाधीन पुलों का भी बारीकी से निरीक्षण किया। चिलरखाल गेट पर पहुंच कर टीम ने गेट तक डामर हुई सड़क की भी चौड़ाई नापी और वापस लालढांग की ओर लौट गए।
उत्तराखंड वन महकमे में अपर प्रमुख वन संरक्षक और नोडल अधिकारी डीजीके शर्मा ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर दो सदस्यीय टीम ने सड़क का बारीकी से निरीक्षण किया। बताया कि टीम अपनी रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट को सौंपेगी। इस मौके पर प्रभागीय वनाधिकारी वैभव कुमार सिंह, उपजिलाधिकारी मनीष कुमार, लोक निर्माण विभाग के मुख्य अभियंता एयाज अहमद, अधीक्षण अभियंता एयाज अहमद, अधिशासी अभियंता निर्भय सिंह सहित कई अन्य मौजूद रहे।