अवैध रूप से संचालित हो रहे क्लीनिक, सीज
कोटद्वार नगर निगम क्षेत्र के अंतर्गत मोहल्ला लकड़ीपड़ाव में प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग ने संयुक्त छापेमारी कर अवैध रूप से संचालित चार क्लीनिक सीज कर दिए। दो क्लीनिक चला रहे झोलाछाप छापे की भनक लगते ही मौके से भाग निकले।
जागरण संवाददाता, कोटद्वार: कोटद्वार नगर निगम क्षेत्र के अंतर्गत मोहल्ला लकड़ीपड़ाव में प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग ने संयुक्त छापेमारी कर अवैध रूप से संचालित चार क्लीनिक सीज कर दिए। दो क्लीनिक चला रहे झोलाछाप छापे की भनक लगते ही मौके से भाग निकले।
मंगलवार दोपहर उपजिलाधिकारी योगेश मेहरा के दिशा-निर्देशन में स्वास्थ्य व राजस्व विभाग की तीन टीमों ने मोहल्ला लकड़ीपड़ाव में अवैध रूप से संचालित क्लीनिक पर छापेमारी की। एसडीएम मेहरा ने बताया कि मोहल्ले में संचालित छह क्लीनिक में से दो के संचालक छापे की कार्रवाई से पूर्व ही भाग निकले, जबकि चार क्लीनिक संचालित पाए गए। बताया कि छापे के दौरान क्लीनिक संचालक किसी भी तरह का पंजीकरण प्रमाण पत्र नहीं दिखा पाए। साथ ही क्लीनिक में पट्टियां, सीरिज, टूटी वॉइल्स व दवाएं मिली। साथ ही बायो मेडिकल वेस्टेज भी यहां-वहां फेंका हुआ था। उन्होंने बताया कि अवैध रूप से संचालित जिन क्लीनिक को सीज किया गया है, उनके संचालक उमर दराज, फुरकान अहमद, सुखेन्दु विश्वास और अजमत खान हैं। बताया कि इनके खिलाफ क्लीनिकल एसबेलिसमेंट एक्ट 2010 और बायो मेडिकल वेस्टेज नियम के तहत कार्रवाई के लिए जिलाधिकारी को रिपोर्ट भेज दी गई है।
महिलाओं ने किया छापेमारी का विरोध
मोहल्ला लकड़ीपड़ाव में छापेमारी करने गई टीमों को मोहल्ले की महिलाओं का विरोध सहना पड़ा। इन महिलाओं का आरोप था कि प्रशासन जानबूझ कर क्लीनिक संचालित करने वालों को फंसा रहा है। उनका कहना था कि उन्हें इन क्लीनिक में सस्ते में उपचार मिल जाता है। जबकि बाजार में उन्हें दवा के लिए महंगी कीमत चुकानी पड़ती है।
मोहल्ले में लगे पोस्टर बने चर्चा का विषय
प्रशासन की ओर से की गई छापेमारी के बाद मोहल्ले में पोस्टर चस्पा किए गए हैं। इन पोस्टरों में मुखबिरी करने वालों को मुनाफिक बताते हुए कहा गया है कि मुखबिरी करने वालों का दर्दनाक अजाब है।