आदमखोर बाघ की हुई पहचान, अब करेंगे ट्रैंक्यूलाइज
कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के अंतर्गत कालागढ़ टाइगर रिजर्व फॉरेस्ट में वन रक्षक पर हमला कर उसे अपना निवाला बनाने वाले नरभक्षी बाघ की पहचान कॉर्बेट पार्क प्रशासन ने कर ली है।
कालागढ़, जेएनएन। बीती 20 अक्टूबर को कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के अंतर्गत कालागढ़ टाइगर रिजर्व फॉरेस्ट में वन रक्षक पर हमला कर उसे अपना निवाला बनाने वाले नरभक्षी बाघ की पहचान कॉर्बेट पार्क प्रशासन ने कर ली है। पार्क प्रशासन लगातार बाघ की गतिविधि पर नजर रखे हुए है। बाघ को ट्रैंक्यूलाइज करने की तैयारी की जा रही है।
कालागढ़ टाइगर रिजर्व की पलेन रेंज के अंतर्गत चौबेली बीट में वन रक्षक राजेश नेगी को बाघ ने उस वक्त निवाला बना दिया, जब राजेश दो साथियों के साथ जंगल गश्त के बाद चौकी की ओर लौट रहा था। इससे पूर्व, जुलाई माह में बाघ ने इसी रेंज के कनसूर कक्ष संख्या-12 वन वाचर सोहन सिंह को भी निवाला बना दिया था। अगस्त माह में बाघ ने कालागढ़ टाइगर रिजर्व की ढिकाला रेंज में बीट वाचर बिशन राम को शिकार बनाया। पिछले चार माह में हुए इन हमलों से वन महकमे में हड़कंप मच गया और वन कर्मियों ने सुरक्षा मुहैया कराने की मांग उठानी शुरू कर दी। विभागीय अधिकारी बाघ के व्यवहार में आ रहे परिवर्तन से हैरत में नजर आए। जिसके बाद बाघ के बदले हुए व्यवहार का अध्ययन करने की बात कही जा रही है।
बीते अक्टूबर में घटित घटना के बाद पार्क प्रशासन ने चौबेली बीट में कैमरा ट्रैप लगा दिए। साथ ही क्षेत्र में वनकर्मियों की गश्त बढ़ाते हुए बाघ की गतिविधियों पर नजर रखनी शुरू कर दी। कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के डायरेक्टर राहुल ने बताया कि वन रक्षक राजेश नेगी पर हमला करने वाले बाघ की पहचान कर ली गई है। जिस क्षेत्र में राजेश पर हमला हुआ, वहां सिर्फ एक ही बाघ नजर आ रहा है। बाघ की गतिविधि पर लगातार नजर रखी जा रही है। साथ ही बीट में पिंजरा भी लगाया जा रहा है। जल्द ही बाघ को ट्रैंक्यूलाइज कर उन कारणों का पता किया जाएगा, जिस कारण बाघ ने राजेश नेगी पर हमला किया।
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