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रेहड़ी-ठेलियों की बाढ़, व्यवस्थाएं बिगड़ी

कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर के बाद शहर में रेहड़ी-ठेलियों की बाढ़ आ गई है। सड़कों पर जगह-जगह खड़ी रेहड़ी-ठेलियों के कारण यातायात व्यवस्था पूरी बेपटरी होती जा रही है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 08 Aug 2021 10:21 PM (IST)Updated: Sun, 08 Aug 2021 10:21 PM (IST)
रेहड़ी-ठेलियों की बाढ़, व्यवस्थाएं बिगड़ी
रेहड़ी-ठेलियों की बाढ़, व्यवस्थाएं बिगड़ी

संवाद सहयोगी, कोटद्वार : कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर के बाद शहर में रेहड़ी-ठेलियों की बाढ़ आ गई है। सड़कों पर जगह-जगह खड़ी रेहड़ी-ठेलियों के कारण यातायात व्यवस्था पूरी बेपटरी होती जा रही है। हालत यह है कि नगर निगम में पंजीकृत एक ठेली के नाम पर ठेलियां चलाई जा रही हैं। बावजूद नगर निगम इस ओर ध्यान देने को तैयार नहीं है।

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नगर निगम क्षेत्र में ठेली लगाने के लिए निगम में सत्यापन करवाना आवश्यक होता है। इसके बाद ही निगम प्रशासन की ओर से एक वर्ष के लिए लाइसेंस जारी किया जाता है। नगर निगम के आंकड़ों की बात करें तो उनके पास वर्तमान में नौ सौ रेहड़ी-ठेली पंजीकृत हैं, जबकि शहर में पंद्रह सौ से अधिक ठेलियां चल रही हैं। हैरानी की बात तो यह है कि यह रेहड़ी-फड़ संचालक न तो नगर निगम में पंजीकृत हैं और न ही पुलिस की ओर से इनका सत्यापन किया गया है। अधिकांश रेहड़ी-ठेली संचालक पूरे दिन वार्ड की गलियों में घूमते रहते हैं। पूर्व में कई वार्डवासी बिना सत्यापन गलियों में घूमने वाले रेहड़ी-ठेली वालों का विरोध भी कर चुके हैं। पुलिस भी नहीं दे रही ध्यान

कुछ वर्ष पूर्व रेहड़ी-ठेली संचालकों की पहचान करने के लिए पुलिस ने उन्हें आइकार्ड बांटे थे। पुलिस ने सख्त निर्देश दिए थे कि शहर में रेहड़ी-ठेली चलाने वालों को यह कार्ड अपने गले में पहनना होगा, लेकिन समय के साथ सभी नियम हवा हो गए। ऐसे में यदि बाहरी राज्यों से आने वाले रेहड़ी-ठेली संचालक किसी आपराधिक घटना को अंजाम देता है, तो पुलिस के हाथ खाली ही रहेंगे। कोरोना फैलने का भी खतरा

शहर में अधिकांश रेहड़ी-ठेली संचालक उत्तर प्रदेश के जिला बिजनौर से आते हैं। देर शाम सब्जी व फल बेचने के बाद यह वापस चले जाते हैं और फिर सुबह के समय कोटद्वार पहुंच जाते हैं। ऐसे में शहर को इनसे कोरोना संक्रमण फैलने का भी खतरा बना हुआ है। अधिकांश फल व सब्जी विक्रेता तो मुंह पर मास्क तक नहीं लगाते।

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रेहड़ी-ठेली संचालकों का गंभीरता से सत्यापन करने के लिए नगर निगम के साथ बैठक की जाएगी। पुलिस की ओर से भी समय-समय पर रेहड़ी-ठेली वालों से पूछताछ की जाती है।

..अनिल जोशी, पुलिस क्षेत्राधिकारी, कोटद्वार


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