सिचाई नहर क्षतिग्रस्त होने से ढामक में खेती प्रभावित
सिचाई नहर क्षतिग्रस्त होने से कलियासौड़ के समीप ढामक गांव में खेती बुरी तरह प्रभावित हुई है। सभी ग्रामीणों की आजीविका का साधन भी खेती ही है।
जागरण संवाददाता, श्रीनगर गढ़वाल: सिचाई नहर क्षतिग्रस्त होने से कलियासौड़ के समीप ढामक गांव में खेती बुरी तरह प्रभावित हुई है। सभी ग्रामीणों की आजीविका का साधन भी खेती ही है।
क्षेत्र के सामाजिक कार्यकर्ता नागेंद्र चमोली ने सिचाई विभाग के अधिशासी अभियंता को उनकी ई मेल पर ज्ञापन प्रेषित कर कहा है कि ढामक की क्षतिग्रस्त सिचाई नहर की मरम्मत अविलंब कराई जाए, जिससे खेतों को सिचाई के लिए पानी मिल सके।
चमोली ने कहा कि कोविड 19 महामारी के इस दौर में युवा भी खेती करने की ओर रुचि लेने लगे हैं लेकिन ढामक में सिचाई सुविधा नहीं होने से अधिकांश युवक खेती से बेजार भी होने लगे हैं। उन्होंने कहा कि सिचाई नहर क्षतिग्रस्त होने से खेतों को सिचाई के लिए पानी नहीं मिल पाने से खेती बुरी तरह प्रभावित है। कहा कि कोविड 19 महामारी के इस दौर में खेती आजीविका का प्रमुख साधन भी बन रही है। इससे रिवर्स पलायन को मजबूती भी मिलेगी।