फलस्वाड़ी गांव में सुनने को मिलेगी संस्कृत भाषा की गूंज
जागरण संवाददाता, पौड़ी: योजना फलीभूत हुई तो आने वाले समय में फलस्वाड़ी गांव में संस्कृत भाषा की गूंज स
जागरण संवाददाता, पौड़ी: योजना फलीभूत हुई तो आने वाले समय में फलस्वाड़ी गांव में संस्कृत भाषा की गूंज सुनने को मिलेगी। इस संबंध में सहायक निदेशक संस्कृत शिक्षा ने प्रस्ताव बनाकर निदेशालय को भेज दिया है। शासन ने प्रस्ताव को हरी झंडी दी तो यह जनपद में पहला गांव होगा, जिसे संस्कृत गांव का दर्जा मिलेगा।
कोट विकासखंड के फलस्वाड़ी गांव की धार्मिक लिहाज से काफी महत्ता है। माता सीता का मंदिर भी इसी गांव में है, जहां हर वर्ष मनसार का भव्य मेला भी लगता है। इसके अलावा समीप ही देवल गांव में भगवान लक्ष्मण का भी प्राचीन मंदिर है। सरकार ने भी फलस्वाड़ी गांव में सीता माता के भव्य मंदिर को बनाने की घोषणा की है। इसमें अन्य कई मंदिरों को जोड़ कर सीता सर्किट नाम दिया जाना प्रस्तावित है। धार्मिक लिहाज से गांव की महत्ता को देखते हुए सहायक निदेशक संस्कृत शिक्षा ने इस गांव को संस्कृत गांव के रूप में विकसित करने का प्रस्ताव संस्कृत शिक्षा निदेशालय को भेज दिया है। ग्रामीणों को संस्कृत भाषा का व्यवहारिक ज्ञान देने के लिए प्रधानाचार्य अनुसूया प्रसाद सुंद्रियाल समेत एक अन्य शिक्षक को भी जिम्मेदारी सौंपी है। प्रधानाचार्य सुंद्रियाल के मुताबिक उन्हें ग्रामीणों को संस्कृत भाषा की सीख देने की जिम्मेदारी मिली है। उन्होंने कहा कि वे कोरोना काल के सामान्य होने के बाद इस दिशा में कार्य शुरू करेंगे। निदेशक संस्कृत शिक्षा एसपी खाली ने बताया कि सहायक निदेशक संस्कृत शिक्षा की ओर से फलस्वाड़ी गांव को संस्कृत ग्राम बनाने का प्रस्ताव मिला है। इसे मंजूरी के लिए शासन को भेजा जा रहा है। कहा कि संस्कृत भाषा के लिहाज से आने वाले दिनों में इसके बेहतर परिणाम गांव में देखने को मिलेंगे।
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