बडियारगढ़ में 30 परिवारों को बांटे गिलोय के पौधे
बडियारगढ़ को गिलोय गांव बनाने का अभियान बुधवार से शुरू हो गया।
जागरण संवाददाता, श्रीनगर गढ़वाल: बडियारगढ़ को गिलोय गांव बनाने का अभियान बुधवार से शुरू हो गया। राजकीय आयुर्वेदिक अस्पताल बडियारगढ़ के प्रभारी चिकित्सक डॉ. सुशांत मिश्रा की पहल पर पहले चरण के तहत 30 परिवारों को गिलोय पौधा रोपने को दिया गया। दूसरे चरण के तहत गुरुवार को पौधे वितरित किए जाएंगे। डॉ. सुशांत मिश्रा ने कहा कि कोविड-19 महामारी से बचाव में शरीर की इम्युनिटी बढ़ाना भी जरूरी है। इसीलिए यह अभियान हरेला पर्व पर शुरू किया गया है।
ग्रामीण लोकेंद्र डंगवाल और जयदीप बिष्ट के सहयोग से डॉ. सुशांत मिश्रा ने ग्रामीणों के लिए गिलोय की पौध तैयार की है। डॉ. सुशांत मिश्रा ने कहा कि गिलोय को आयुर्वेद में अमृता कहा जाता है, जो न स्वयं मरती है न मरने देती है। यह राष्ट्रीय जड़ी-बूटी भी घोषित हो चुकी है। शरीर की इम्युनिटी बढ़ाने में यह बहुत प्रभावकारी और सहायक होती है। कहा कि पाचन संबंधी रोगों के साथ ही त्वचा रोगों और यूरिक ऐसिड रोग के उपचार में भी यह प्रमुख आयुर्वेदिक औषधि है। अगले चरण में समीपवर्ती डांडा गांव में और उसके बाद अन्य गांवों में भी यह अभियान चलाया जाएगा। ग्राम प्रधान रूपा डिमरी ने गिलोय पौधे को लेकर डॉ. सुशांत मिश्रा द्वारा शुरू किए गए अभियान की सराहना करते हुए कहा कि कोरोना महामारी के दौर में आम जनता के स्वास्थ्य की भलाई के लिए यह बहुत महत्वपूर्ण पहल भी है। जयदीप बिष्ट ने कहा कि रोपण के लिए गिलोय पौधे की कमी नहीं होने दी जाएगी।