नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन की सूचना पर दिल्ली पुलिस ने कोटद्वर की एक दवा कंपनी में की छापेमारी
कोटद्वार की एक दवा कंपनी में एंटीबायोटिक दवाइयों पर रेमेडीशिवर इंजेक्शन के लेबल लगाकर महंगे दामों पर बेचे जाने संबंधी मामले में शुक्रवार सुबह कोटद्वार कोतवाली पुलिस की टीम ने दिल्ली पुलिस के साथ कंपनी में छापेमारी की।
जागरण संवाददाता, कोटद्वार। दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा ने शुक्रवार सुबह सिगड्डी ग्रोथ सेंटर स्थित नेक्टर फार्मा कंपनी में छापेमारी की। दिल्ली पुलिस ने विभिन्न एंटिबायोटिक इंजेक्शनों पर रेमडेसिविर इंजेक्शन का रेपर लगाकर उन्हें महंगे दामों पर बेचने के मामले में छापेमारी की। इस दौरान कोटद्वार कोतवाली पुलिस की टीम भी मौजूद रही। छापे के दौरान पुलिस को मामले से संबंधित कोई सुराग हाथ नहीं लगा।
कोरोना संक्रमण के इस दौर में रेमीडिसीवर इंजेक्शन के लिए मारामारी मची हुई है। ऐसे में रेमीडिसीवर के नाम पर नकली इंजेक्शन बेचने का मामला दिल्ली में प्रकाश में आया। जांच के दौरान दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा ने दिल्ली में अलग-अलग स्थानों से पांच व्यक्तियों को गिरफ्तार किया। दिल्ली पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि गिरफ्तार व्यक्तियों की निशानदेही पर पुलिस ने हरिद्वार जनपद में ए-14 सुभाष नगर (हरिद्वार) निवासी वतन कुमार सैनी पुत्र मांगेराम को गिरफ्तार किया। पुलिस को इसके कब्जे से इंजेक्शन की कई वाइल व रेमीडिसीवर इंजेक्शन के रेपर मिले।
पूछताछ में वतन कुमार ने हरिद्वार जिले में ही नगला चीना, गुरूकुल, नारसन निवासी आदित्य गौतम पुत्र कृष्ण गोपाल के नाम का खुलासा किया। बताया कि आदित्य गौतम की कोटद्वार में दवा कंपनी है। इस खुलासे के बाद बुधवार तड़के करीब साढ़े चार बजे दिल्ली पुलिस की टीम ने सिगड्डी ग्रोथ सेंटर स्थित नेक्टर फार्मा में छापेमारी की, जहां से पुलिस को आदित्य गौतम के बारे में तमाम जानकारियां मिली। इसके बाद पुलिस ने आदित्य गौतम को गिरफ्तार कर दिया। आदित्य की गिरफ्तारी के बाद शुक्रवार सुबह दिल्ली पुलिस की टीम पुन: फैक्ट्री में पहुंची।
इस दौरान कोटद्वार कोतवाली पुलिस की टीम भी मौके पर मौजूद रही। अपर पुलिस अधीक्षक डॉ.मनीषा जोशी ने बताया कि छानबीन के दौरान फैक्ट्री से ऐसा कोई सुराग नहीं मिले, जिनसे इस बात की पुष्टि हो कि फैक्ट्री में रेमीडिसीवर इंजेक्शन बनाया अथवा इस कंपनी में रेपर लगाया गया हो। उन्होंने बताया कि फैक्ट्री विशाद कुमार की है व एक वर्ष पूर्व उन्होंने यह फैक्ट्री आदित्य गौतम व उनके तीन साथियों को लीज पर दी थी। 31 मई को लीज एग्रीमेंट समाप्त होना था। फैक्ट्री लीज पर दी गई थी, इस कारण फैक्ट्री स्वामी भी फैक्ट्री की ओर नहीं आता था।
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