कोटद्वार में बनेगा क्यूरेन्टाइन सेंटर
जागरण संवाददाता कोटद्वार जनपद पौड़ी में संभावित कोरोना संक्रमित को चिकित्सालय प्रशासन तत्का
जागरण संवाददाता, कोटद्वार: जनपद पौड़ी में संभावित कोरोना संक्रमित को चिकित्सालय प्रशासन तत्काल बेस चिकित्सालय में बनाए गए आइसोलेशन वार्ड में शिफ्ट नहीं करेगा। ऐसे लोगों पर निगरानी रखने के लिए जिले में अलग-अलग स्थानों पर क्यूरेन्टाइन सेंटर बनाए जा रहे हैं। श्रीनगर मेडिकल कॉलेज में सौ बेड का क्यूरेन्टाइन सेंटर बना दिया गया है, जबकि कोटद्वार में इस सेंटर की स्थापना को जगह की तलाश की जा रही है।
देश में जिस तेजी से कोरोना संक्रमितों की संख्या बढ़ रही है। सरकारी मशीनरी उसी तेजी से सुरक्षा उपायों में जुट गई है। जगह-जगह चिकित्सालयों में आइसोलेशन वार्ड बनाए जा रहे हैं। साथ ही शहरों को सेनेटाइज करने की भी व्यवस्था हो रही है। कोटद्वार क्षेत्र गढ़वाल का प्रवेश द्वार है व कोटद्वार में मैदानी क्षेत्रों से यात्रियों की काफी अधिक आवाजाही होती है। ऐसे में कोटद्वार क्षेत्र में कोरोना संक्रमित के पहुंचने की संभावनाएं काफी अधिक होती हैं। इसी तरह श्रीनगर भी चारधाम यात्रा का प्रमुख पड़ाव है व वर्षभर श्रीनगर में पर्यटकों की आवाजाही लगी रहती है।
स्वास्थ्य महकमे ने कोरोना संभावित संक्रमित यात्रियों पर नजर रखने के लिए जिले में क्यूरेन्टाइन सेंटर बनाने का कार्य शुरू कर दिया है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. मनोज बहुखंडी ने बताया कि जनपद पौड़ी में श्रीनगर मेडिकल कॉलेज में सौ बेड का क्यूरेन्टाइन सेंटर तैयार कर दिया गया है। कोटद्वार में क्यूरेन्टाइन सेंटर के लिए जगह की तलाश की जा रही है। बताया कि कोटद्वार के आयुर्वेदिक अस्पताल में सेंटर स्थापित करने के बारे में विचार किया जा रहा है। डॉ. बहुखंडी ने बताया कि यदि किसी व्यक्ति में कोरोना का संदेह होता है तो उसे क्यूरेन्टाइन सेंटर में निगरानी में रखा जाएगा। सेंटर में कोरोना की समय-समय पर जांच की जाएगी व कोरोना की पुष्टि होने पर उसे आइसोलेशन वार्ड में शिफ्ट कर दिया जाएगा। सिद्धबली मंदिर के कपाट बंद
घातक कोरोना से निपटने की तैयारियों के दृष्टिगत प्रसिद्ध सिद्धबली मंदिर के कपाट 31 मार्च तक श्रद्धालुओं के लिए बंद कर दिए गए हैं। मंदिर के प्रबंधक शैलेश जोशी ने बताया कि मंदिर में प्रतिदिन बड़ी संख्या में बाहरी क्षेत्रों से श्रद्धालु पहुंचते हैं और मंदिर में पूजा-अर्चना करते हैं। बताया कि शासन से जारी निर्देशों पर मंदिर के कपाट 31 मार्च तक के लिए बंद किए गए हैं। बताया कि इस दौरान मात्र मंदिर के पुजारी ही दैनिक पूजा-अर्चना करेंगे।