coronavirus के खिलाफ जंग को इनोवेशन सेल की अनूठी पहल, होगी ऑनलाइन प्रतियोगिता
coronavirus के खिलाफ जंग की प्रभावी रणनीति बनाने को लेकर गढ़वाल केंद्रीय विश्वविद्यालय के इनोवेशन सेल ने एक अनूठी वैज्ञानिक पहल की है।
By Edited By: Published: Tue, 07 Apr 2020 06:52 PM (IST)Updated: Wed, 08 Apr 2020 01:54 PM (IST)
श्रीनगर गढ़वाल, जेएनएन। कोरोना वायरस के खिलाफ जंग की प्रभावी रणनीति बनाने को लेकर गढ़वाल केंद्रीय विश्वविद्यालय के इनोवेशन सेल ने एक अनूठी वैज्ञानिक पहल की है। इसे लेकर कोविड-19 चैलेंज में फाइट अगेंस्ट कोरोना वायरस के नाम से एक शोधपरक प्रतियोगिता ऑनलाइन आयोजित की जा रही है। इसमें विवि के शिक्षक, शोधार्थी और छात्र सभी अपने-अपने वर्गों में भाग लेते हुए कोरोना के खिलाफ अपने वैज्ञानिक शोध प्रस्ताव सुझाव के रूप में देंगे। जिसे केवल ऑनलाइन के माध्यम से phyalok@gmail.com पर देना है।
गढ़वाल केंद्रीय विश्वविद्यालय और इनोवेशन सेल के को-ऑर्डिनेटर भौतिक विज्ञानी डॉ. आलोक सागर गौतम ने कहा कि फाइट अगेंस्ट कोरोना वायरस को लेकर वैज्ञानिक तथ्यों के आधार पर अपने विचार और सुझाव देने हैं। इसके लिए 17 अप्रैल अंतिम तिथि है। उन्होंने कहा कि यह शोध प्रस्ताव अधिकतम एक हजार शब्दों में होना चाहिए। विश्वविद्यालय की फैकल्टियों के साथ ही शोधार्थियों और पीजी और यूजी संवर्ग के छात्रों के लिए अलग-अलग वर्गों में यह प्रतियोगिता होने जा रही है।
कुलपति प्रो. अन्नपूर्णा नौटियाल ने फाइट अगेंस्ट कोरोना वायरस को लेकर आयोजित हो रही इस प्रतियोगिताओं के विजेताओं को विवि इनोवेशन सेल की ओर से पुरस्कृत करने को भी स्वीकृति दे दी है। कुलपति ने कहा कि इस प्रतियोगी कार्यक्रम से युवा वैज्ञानिकों के ऐसे विचार और शोध प्रस्ताव मिलेंगे जो फाइट अगेंस्ट कोरोना वायरस में बहुत महत्वपूर्ण भी हो सकते हैं। गढ़वाल केंद्रीय विवि की कुलपति प्रो. अन्नपूर्णा नौटियाल के संरक्षण में विवि के इनोवेशन सेल के अध्यक्ष प्रो. अतुल ध्यानी और को-ऑर्डिनेटर डॉ. आलोक सागर गौतम हैं।
आठ क्षेत्रों में देने हैं रिसर्च प्रपोजल
कोरोना वायरस को लेकर हो रहे पलायन, हेल्थ केयर योद्धाओं की स्थिति और सहयोग, समाज पर प्रभाव, क्लाइमेट चेंज, आवश्यक सेवाओं वाले क्षेत्र की स्थिति, रिसोर्स डिस्ट्रीब्यूशन आदि पर प्रतिभागियों को अपने विचार और रिसर्च प्रपोजल 17 अप्रैल तक ऑनलाइन देने हैं। डॉ. आलोक सागर गौतम ने कहा कि प्रथम पांच विजेताओं के शोध प्रस्तावों और विचारों को विशेष रूप से केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रलय, आइसीएमआर, केंद्रीय मानव संसाधन मंत्रलय को भी भेजा जाएगा। प्रयास होगा कि केंद्रीय मंत्रलय से इन शोध प्रस्तावों पर आगे कार्य करने के लिए आर्थिक सहायता भी स्वीकृत हो जाए।
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