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संस्कृत संस्थान में अगले सत्र से शुरू होंगे सर्टिफिकेट कोर्स

जागरण संवाददाता, श्रीनगर गढ़वाल: राष्ट्रीय संस्कृत संस्थान देवप्रयाग में आगामी नए शिक्षासत्र से छह

By JagranEdited By: Published: Wed, 19 Apr 2017 07:15 PM (IST)Updated: Wed, 19 Apr 2017 07:15 PM (IST)
संस्कृत संस्थान में अगले सत्र से शुरू होंगे सर्टिफिकेट कोर्स
संस्कृत संस्थान में अगले सत्र से शुरू होंगे सर्टिफिकेट कोर्स

जागरण संवाददाता, श्रीनगर गढ़वाल:

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राष्ट्रीय संस्कृत संस्थान देवप्रयाग में आगामी नए शिक्षासत्र से छह माह के ज्योतिष, वास्तु और योगा के सर्टिफिकेट कोर्स शुरू किए जाएंगे। दस माह पूर्व खुले इस राष्ट्रीय संस्कृत संस्थान में ¨हदी, अंग्रेजी, इतिहास, कम्प्यूटर और शारीरिक शिक्षा के साथ ही बीएड और पीएचडी पाठ्यक्रम भी संचालित किए जा रहे है। इन विषयों में वर्तमान में 45 छात्र-छात्राएं अध्ययनरत हैं। राष्ट्रीय संस्कृत संस्थान देवप्रयाग के प्राचार्य प्रो. केबी सुब्बरायुडु ने श्रीनगर में पत्रकारों से बातचीत में यह जानकारी देते हुए बताया कि उत्तराखंड से शिक्षा के लिए होने वाले पलायन को रोकने में भी यह संस्कृत संस्थान महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर रहा है। उन्होंने कहा कि 11 वीं और 12 कक्षा में अध्ययनरत छात्र-छात्राओं के लिए 600, बीए के लिए 800 एमए के लिए एक हजार, बीएड के लिए 800 तथा पीएचडी छात्रों के लिए आठ हजार रुपए की छात्रवृत्ति भी संस्थान द्वारा दिए जाने का प्रावधान है। अन्य शहरों से यहां पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं को निशुल्क आवास की सुविधा भी उपलब्ध है।

श्रीनगर जीएमवीएन सभागार में बुधवार को पत्रकारों से वार्ता करते हुए राष्ट्रीय संस्कृत संस्थान श्री रघुनाथ कीर्ति परिसर देवप्रयाग के प्राचार्य प्रो. केबी सुब्बरायुडु ने कहा कि संस्थान के पास वर्तमान में 23 एकड़ भूमि है जिस पर 110 करोड़ की लागत से संस्थान के निर्माण कार्य प्रस्तावित हैं। जिसमें आडिटोरियम के साथ ही प्रशासनिक भवन, छात्रावास का भी निर्माण किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इन निर्माण कार्यों के लिए शासन से 92 करोड़ स्वीकृत हो चुके हैं जिसकी प्रथम किश्त छह करोड़ रुपए संस्थान को प्राप्त हो चुकी है। जुलाई तक संस्थान का अपना स्टेडियम, हेलीपैड और दस कमरों का भवन बनकर तैयार होने के साथ ही मुख्य कैंपस का निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा। प्रो. सुब्बरायुडु ने कहा कि संस्थान में कम्प्युटर, ¨हदी, अंग्रेजी, इतिहास को अनिवार्य विषय के रूप में पढ़ाया जाता है। संस्थान के ¨हदी प्राध्यापक डा. वीरेंद्र बत्र्वाल और कम्प्यूटर प्राध्यापक पंकज कोटियाल भी पत्रकार वार्ता में मौजूद थे।


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