108 निसंतान दंपतियों ने किया खड़ दीया पूजन
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जागरण संवाददाता, श्रीनगर गढ़वाल: संतान की कामना को लेकर 108 निसंतान दंपतियों ने यहां कमलेश्वर महादेव मंदिर में परंपरानुसार खड़ दीया पूजन में भाग लिया और भगवान शिव की आराधना की। बैकुंठ चतुर्दशी पर्व पर यह खड़ दीया पूजन आदिकाल से ही होता आ रहा है।
गौधुली बेला में महंत 108 श्री आशुतोष पुरी जी महाराज ने पूजन में भाग लेने वाली सभी निसंतान दंपतियों के दीपों को जलाकर उनका पूजन शुरू करवाया। कोरोनाकाल में भी 160 निसंतान दंपतियों ने खड़ दीया पूजन में भाग लेने के लिए अपना पंजीकरण कराया था, जिसमें दिल्ली के पांच दंपतियों ने महंत आशुतोष पुरी जी महाराज को सूचित किया कि कोविड 19 का आरटीपीसीआर रिपोर्ट नहीं मिलने के कारण वह पूजन में भाग नहीं ले पा रहे हैं। उत्तराखंड के बाहर से आने वाले सभी दंपतियों के लिए कोविड 19 परीक्षण का सर्टिफिकेट साथ में लाना अनिवार्य भी था। महंत आशुतोष पुरी जी महाराज ने तीन निर्धन निसंतान दंपतियों को मंदिर की ओर से ही समस्त सामग्री देने और किसी भी प्रकार का उनसे दान नहीं लेकर उनका पूजन कराया। खड़ दीया पूजन में भाग लेने वाले अधिकांश निसंतान दंपतियां चमोली, चंबा, टिहरी, उत्तरकाशी, कोटद्वार, देहरादून, ऋषिकेश और हरिद्वार से थे। चतुर्दशी पर्व पर परिवार की सुख समृद्धि और शांति की कामना को लेकर क्षेत्र की महिलाओं ने भी परंपरानुसार कमलेश्वर महादेव मंदिर पहुंचकर 365 रुई की बत्तियों को जलाकर भगवान शिव का पूजन किया गया। आस्था से ओतप्रोत शिवभक्तों पर नहीं दिखा कोरोना का डर
प्रात: लगभग साढ़े दस बजे चतुर्दशी पर्व शुरू होते ही बड़ी संख्या में महिलाओं का कमलेश्वर मंदिर पहुंचना शुरू हो गया था। मंदिर में शिवलिग पर जल चढ़ाने और पूजन करने को लेकर कोरोना संक्रमण से बचाव को लेकर महंत आशुतोष पुरी जी महाराज के विशेष निर्देश पर रस्सी लगाकर लाइन से श्रद्धालुओं को आने के लिए कहा जा रहा था। आस्था से ओतप्रोत शिव भक्तों पर कोरोना का कोई डर भी नहीं दिख रहा था। दोपहर होते-होते मंदिर परिसर में श्रद्धालुओं की काफी भीड़ भी उमड़ी। कोतवाल मनोज रतूड़ी के निर्देशन में शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए पर्याप्त पुलिस बल भी क्षेत्र में तैनात था।