ड्राइविंग लाइसेंस के लिए बार-बार टरकाने से आहत युवक ने एआरटीओ कार्यालय में ही पीया जहर
रामनगर में लाइसेंस नहीं मिलने से परेशान होकर एक युवक ने एआरटीओ में ही आत्महत्या का प्रयास किया। उसने कार्यालय में ही कीटनाशक पी लिया।
रामनगर, जेएनएन : पुलिस व एआरटीओ में छोटे-मोटे काम के लिए लोग किस हद तक परेशान हो जाते हैं इसकी एक बानगी रामनगर में देखने को मिली। जब पुलिस द्वारा जब्त किए गए लाइसेंस को लेने के लिए विभागों के चक्कर लगाने से तंग आए एक युवक ने आत्महत्या का प्रयास किया। उसने उपसंभागीय कार्यालय में कीटनाशक पी लिया। जिससे कार्यालय कर्मियों में हड़कंप मच गया। पुलिस आनन-फ ानन में उसे संयुक्त चिकित्सालय लाई जहां हालत गंभीर होने पर डॉक्टरों ने उसे काशीपुर रेफर कर दिया।
कस्बे के ही मोहल्ला गुलरघट्टी निवासी जाहिद हुसैन पुत्र शफ शफीक सात माह पूर्व अपने पिकअप से काशीपुर मवेशी लेकर जा रहा था। चेकिंग के दौरान पुलिस ने उसका चालान कर दिया था। उसके वाहन के कागज व ड्राइविंग लाइसेंस पुलिस ने जब्त कर लिए। कुछ दिन बाद उसने चालान कि राशि सीओ कार्यालय में जमा कर दी। उसे वाहन के कागज मिल गए, लेकिन लाइसेंस नहीं दिया गया। युवक के एक साथी बंटी के मुताबिक पुलिस ने लाइसेंस को निरस्त करने की संस्तुति करते हुए हल्द्वानी एआरटीओ को भेजे जाने की बात बताई। वाहन चलाने के लिए उसे लाइसेंस की जरूरत हुई। वह लाइसेंस लेने हल्द्वानी एआरटीओ कार्यालय गया। जहां उसे काशीपुर या रामनगर एआरटीओ में संपर्क करने को कह दिया गया। इसके बाद वह काशीपुर गया, लेकिन वहां भी उसके लाइसेंस का पता नहीं लग पाया। सोमवार को वह रामनगर के एआरटीओ कर्मियों के पास गया। उसने कर्मचारी से लाइसेंस के बारे में जानकारी ली, लेकिन कर्मचारियों ने लाइसेंस उनके कार्यालय में नहीं होने की जानकारी दी। इससे वह इतना तनाव में आ गया कि उसने जेब में रखा कीटनाशक पी लिया। उसे कीटनाशक पीते देख कार्यालय में हड़कंप मच गया। उसे कर्मचारियों ने चिकित्सालय भेजने का प्रयास किया। इसी बीच सूचना पर पुलिस भी मौके पर पहुंच गई। पुलिस कर्मी उसे संयुक्त चिकित्सालय लाए। चिकित्सकों ने उसे प्राथमिक उपचार दिया। कोतवाली से एसएसआइ जयपाल चौहान भी पहुंच गए। उन्होंने उसका बयान लेने का प्रयास किया, लेकिन वह बोलने की स्थिति में नहीं था। हालत नाजुक होने पर उसे सरकारी एंबुलेंस से काशीपुर भेज दिया गया।
आखिर कहां गया लाइसेंस?
युवक पुलिस व एआरटीओ के चक्कर लगाने से इतना मानसिक तनाव में आ गया था कि उसने आत्महत्या जैसा गलत कदम उठाने की ठान ली। इसलिए वह कीटनाशक लेकर कार्यालय पहुंचा था। अब सवाल यह उठ रहा है कि आखिर युवक का लाइसेंस कहां गया?
एआरटीओ ने कहा यहां ऐसा कोई प्रकरण नहीं आया
विमल पांडे, एआरटीओ रामनगर ने बताया कि युवक का पुलिस ने चालान किया होगा। लाइसेंस को निरस्त करने की संस्तुति कर पुलिस ने उसे संभवत: हल्द्वानी एआरटीओ भेज दिया होगा। पुलिस से लाइसेंस निरस्त करने का ऐसा कोई प्रकरण युवक के नाम से मेरे कार्यालय में नहीं आया है।
मामले की वास्तविकता पता करेंगे
पंकज गैरोला, सीओ रामनगर ने बताया कि युवक ऐसी स्थिति में नहीं था कि कुछ बता सके। लाइसेंस निरस्त करने की संस्तुति नियम के अंतर्गत हुई होगी। वह कार्यालय पहुंचकर इस मामले को दिखवाएंगे की वास्तविकता क्या है।
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