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'मुद्रा' ने युवाओं को दिखाई स्वरोजगार की राह, पहाड़ की अपेक्षा मैदान के लोगों ने उठाया लाभ

कुमाऊं में प्रधानमंत्री मुद्रा योजना ने बेरोजगार युवाओं को स्वरोजगार की राह दिखाई है। छोटे उद्यमी ही नहीं बल्कि महिलाएं भी योजना का लाभ लेने के लिए आगे बढ़ी हैं।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Tue, 09 Apr 2019 10:15 AM (IST)Updated: Tue, 09 Apr 2019 10:15 AM (IST)
'मुद्रा' ने युवाओं को दिखाई स्वरोजगार की राह, पहाड़ की अपेक्षा मैदान के लोगों ने उठाया लाभ
'मुद्रा' ने युवाओं को दिखाई स्वरोजगार की राह, पहाड़ की अपेक्षा मैदान के लोगों ने उठाया लाभ

हल्द्वानी, जेएनएन : कुमाऊं में प्रधानमंत्री मुद्रा योजना ने बेरोजगार युवाओं को स्वरोजगार की राह दिखाई है। छोटे उद्यमी ही नहीं बल्कि महिलाएं भी योजना का लाभ लेने के लिए आगे बढ़ी हैं। बावजूद इसके मैदान में जहां योजना की रफ्तार तेज रही तो पहाड़ में अधिक प्रसार व बैंकों की सुस्ती तोडऩे की दरकार है।

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नैनीताल जिले में 654 लोग देने लगे दूसरों को रोजगार

जिले में मुद्रा योजना के तहत 654 लोग अपने सपनों को लम्बी उड़ान तो दे ही रहे है, साथ ही दूसरों को भी रोजगार मुहैया करवा रहे है। हल्द्वानी निवासी केसवी देवी अपना एक बुटीक चलाती हैं। वह ड्रेस मेटेरियल के डिजाइन और साड़ी का बिजनेस करती हैं। उन्होंने बताया कि अकेले चालू किए गए इस काम में जब डिमांड बढऩे लगी तो मुद्रा योजना से उन्होंने बिजनेस को विस्तार दिया। आज पांच अन्य महिलाएं भी उनके साथ काम कर रही हैं। काठगोदाम निवासी अनिल ने लोन लेकर प्रिंटिंग व बाइंडिंग का काम शुरू किया है और ठीक-ठाक चल रहा है।

तराई में 41 हजार ने उठाया योजना का लाभ

जिले मेें मुद्रा योजना के तहत करीब 41 हजार लोगों को वित्तीय वर्ष 2018-19 में ऋण दिए गए। जिसमें एमएसएमई कैंपेन में ही 26 हजार 954 बैंक खाता धारकों को मुद्रा योजना में ऋण प्रदान किया गया। जिसमें जिले की भारतीय स्टेट बैंक, बैंक आफ बड़ौदा समेत कुल 32 बैंक शामिल रहे। मुद्रा योजना में जिला मुख्यालय निवासी एक लघु व्यवसाई को प्रधानमंत्री के माध्यम से पारितोषिक भी प्रदान किया गया। इस तरह 10 प्रतिशत वार्षिक व्याज पर साल भर में कुल 321 करोड़ रुपए का लोन वितरित किया गया।

पीएम मुद्रा योजना सीमांत में नहीं असरकारी

प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के लिए सीमांत पिथौरागढ़ व चम्पावत जिले में बेरोजगार व उद्यमी तो आगे आ रहे हैं परंतु बैंकों के लिए ऋण वसूली परेशानी का सबब बन रहा है। जिसके चलते बैंक भी लोन वितरण में अधिक रुचि नहीं ले रहे। योजना पर्वतीय जिले में छोटे मोटे कुटीर उद्योग चलाने की दृष्टि से काफी अनुकूल थी। 2015 से प्रारंभ की गई इस योजना के तहत सर्वेक्षण के बाद करीब 10 उद्यमियों का चयन किया गया। जिन्हें प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के तहत ऋण दिया गया। जिला लीड बैंक अधिकारी पीएस गब्र्याल के अनुसार यह योजना स्थानीय परिस्थितियों के अनुसार काफी अच्छी है।

अल्मोड़ा जिले में 500 उद्यमियों को मुद्रा की सौगात

अल्मोड़ा जिले के छोटे उद्यमियों के लिए एक बड़ी सौगात बनी है। योजना के शुरू होने के बाद पांच सौ से अधिक छोटे उद्यमी इस योजना का लाभ उठा चुके हैं। करीब दो करोड़ रुपये का लोन इन्हें दिया जा चुका है। जबकि सैंकड़ों आवेदन जिले के अलग अलग बैंकों में लंबित भी हैं। लीड बैंक अधिकारी ललित सेमवाल ने बताया कि जिले के सभी बैंकों को इस योजना के तहत प्राप्त होने वाले आवेदनों को प्राथमिकता के आधार पर निस्तारित करने के निर्देश दिए गए हैं। योजना में महिला लाभार्थियों की संख्या में भी वृद्धि दर्ज की गई है।

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