पिथौरागढ़ में नवजात बच्चे की मौत पर भड़के युवाओं ने किया प्रदर्शन
बच्चे की हालत देखते हुए परिजनों और 108 कर्मियों ने चिकित्सकों से सड़क पर खड़ी 108 वाहन तक आकर बच्चे की जांच का अनुरोध किया। परिजनों को आशंका थी कि उसे हल्द्वानी ले जाना पड़ सकता है। अनुरोध के बाद भी चिकित्सक बच्चे को देखने नहीं आए।
जागरण संवाददाता, पिथौरागढ़ : गंगोलीहाट तहसील के नाकोट गांव में एक नवजात बच्चे की मौत से आक्रोशित युवाओं ने बुधवार को जिला मुख्यालय में प्रदर्शन कर मामले की जांच कराए जाने की मांग की। पूर्व जिला पंचायत सदस्य जगदीश कुमार की अगुवाई में प्रदर्शन करते हुए युवाओं ने कहा कि नाकोट गांव की जानकी ने 11 अक्टूबर को गंगोलीहाट अस्पताल में एक बच्चे को जन्म दिया। बच्चे की तबीयत खराब होने पर चिकित्सकों ने उसे जिला मुख्यालय स्थित महिला चिकित्सालय रेफर कर दिया। उपचार दिए जाने के बाद भी बच्चे की हालत में सुधार नहीं होने पर चिकित्सकों ने उसे अल्मोड़ा रेफर कर दिया। 108 वाहन से बच्चे को अल्मोड़ा ले जाया गया। बच्चे की हालत देखते हुए परिजनों और 108 कर्मियों ने चिकित्सकों से सड़क पर खड़ी 108 वाहन तक आकर बच्चे की जांच का अनुरोध किया। परिजनों को आशंका थी कि उसे हल्द्वानी ले जाना पड़ सकता है। अनुरोध के बाद भी चिकित्सक बच्चे को देखने नहीं आए।
विरोध बढ़ा तो चिकित्सक ने सड़क पर पहुंचकर बच्चे का देखे बगैर ही हल्द्वानी ले जाने के लिए कह दिया। तब तक बच्चे की मौत हो चुकी थी। युवाओं ने इस मामले में अल्मोड़ा अस्पताल के चिकित्सकों पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए पूरे मामले की जांच कराए जाने की मांग की। प्रदर्शन करने वालों में धीरज चंद्र, पवन कुमार, अमन कुमार, रमेश सिंह रैखोला, कैलाश, पूरन राम, अनुराग, राहुल कुमार, अभिषेक, आकाश आदि शामिल थे। प्रदर्शन के बाद युवाओं ने बच्चे की मौत की जांच की मांग का ज्ञापन जिलाधिकारी को सौंपा।