चिंताजनक : देवभूमि में बढ़ते अपराध पर लगाम लगाना बड़ी है चुनौती
देवभूमि उत्तराखंड में भी तेजी से बढ़ते अपराध पुलिस के लिए चुनौती बने हैं। राज्य बनने के बाद अकेले नैनीताल जनपद में अब तक 383 लोगों की हत्या हो चुकी है।
प्रकाश जोशी, लालकुआं : देवभूमि उत्तराखंड में भी तेजी से बढ़ते अपराध पुलिस के लिए चुनौती बने हैं। राज्य बनने के बाद अकेले नैनीताल जनपद में अब तक 383 लोगों की हत्या हो चुकी है। आंकड़ों पर नजर दौड़ाएं तो इनमें से 62 घटनाओं का अभी तक खुलासा नहीं हो सका है और 24 लाशों की शिनाख्त भी नहीं हो सकी। हल्द्वानी निवासी आरटीआइ कार्यकर्ता हेमंत गौनिया द्वारा सूचना के अधिकार के तहत एसएसपी से मांगी गई सूचना में राज्य स्थापना से लेकर अब तक जनपद में हुई संगीन वारदातों का खुलासा हुआ। गौनिया ने राज्य बनने के बाद नैनीताल जनपद में हुई हत्याओं, पकड़े गए आरोपियों, अज्ञात लाशों तथा लंबित मामलों को लेकर सूचना मांगी गई थी। पुलिस प्रशासन द्वारा जनपद के 14 थाना व कोतवाली क्षेत्रों में हुई हत्याओं के मामलों के जो आंकड़े दिए गए हैं वह चौकाने वाले हैं। सूचना के मुताबिक नैनीताल जनपद में बीते 19 वर्षाे में 383 लोगों की हत्या की घटनाएं हुई हैं। इन मामलों में 477 आरोपितों को गिरफ्तार किया गया। चौकाने वाली बात यह है कि 24 लाशों की अब तक शिनाख्त नही हो सकी है। 62 मामलों में हत्या का पता भी नही चल सका, जिनमें से अधिकतर मामलों में पुलिस ने फाइनल रिपोर्ट लगा दी है जबकि 14 मामले लंबित हैं।
हत्या की घटनाओं के मामले में हल्द्वानी कोतवाली अव्वल
लालकुआं : हत्या की घटनाओं के मामले में हल्द्वानी कोतवाली 135 हत्या के साथ पहले, रामनगर कोतवाली 101 हत्या के साथ दूसरे व लालकुआं कोतवाली 40 हत्या के साथ तीसरे नंबर पर है। आठ हत्याओं में शवों की शिनाख्त न होने के मामले में लालकुआं पहले और छह अज्ञात लोगों की हत्या के साथ तल्लीताल थाना दूसरे और तीन अज्ञात लाशों के साथ मल्लीताल कोतवाली तीसरे स्थान पर है।
मुक्तेश्वर व बेतालघाट में एक भी हत्या नहीं
मुक्तेश्वर व बेतालघाट थानों में राज्य बनने के बाद कोई भी हत्या का मामला दर्ज नहीं होना पुलिस के लिए सुकून भरी सूचना जरूर है। कानून व्यवस्था के मामलों में दोनों थाना क्षेत्र जनपद के अन्य कोतवाली व थानों के लिए मिसाल बने हैं।
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