होली के बाद एक दिन ही खुला है गौला नदी का लालकुआं डिवीजन, पलायन करने लगे मजदूर
गौला नदी में उपखनिज चुगान को लेकर अनिश्चितीत बनी हुई है। जिससे जहा वाहन स्वामियों में आक्रोश है वही खनन मजदूर घरों को लौटने लगे है। गौला नदी के लालकुआं प्रभाग के छह निकासी गेट होली के बाद से सिर्फ एक दिन ही खुले हैं।
लालकुआं, जागरण संवाददाता : गौला नदी में उपखनिज चुगान को लेकर अनिश्चितीत बनी हुई है। जिससे जहा वाहन स्वामियों में आक्रोश है वही खनन मजदूर घरों को लौटने लगे है। गौला नदी के लालकुआं प्रभाग के छह निकासी गेट होली के बाद से सिर्फ एक दिन ही खुले हैं। ऐसे में वाहन स्वामियों व खनन मजदूरों के सामने रोजी रोटी का संकट खड़ा हो गया है।
काम की तलाश में आये मजदूर काम ना मिलने के घरों को लौटने लगे हैंं। मजदूरों के ठेकेदार खीमानंद कत्यूरा, शिवजी, स्वामीनाथ का कहना है कि मजदूरों बच्चों की फीस, कपड़े व घर का राशन जुटाने आये थे। लेकिन होली के बाद से सिर्फ एक दिन गौला नदी खुली है जिसकारण मजदूरों का खुद का राशन भी समाप्त हो गया है। जबकि गौला संघर्ष समिति के अध्यक्ष वीरेंद्र दानू समेत अन्य वाहन स्वामियों का कहना है कि उपखनिज चुगान के अब पांच छह ही चक्कर बचे है।
लेकिन निकासी गेट अक्सर बंद ही रहते है। वाहन स्वामियों के चालको का वेतन, टेक्स, इंसोरेंस व मेंटिनेंस समेत अन्य खर्चे लगातार देने पड़ रहे है। जिससे उन्हें आर्थिक नुकसान हो रहा है। उन्होंने मांग की है कि या तो गौला नदी को लगातार चलाया जाए या फिर पूरी तरह से बंद कर दिया जाए।
जनप्रतिनिधियों के चक्कर काट रहे हैं खनन कारोबारी
खनन कारोबारी गौला नदी को सुचारू रूप से संचालित करने की मांग को लेकर सांसद अजय भट्ट, विधायक नवीन दुम्का समेत तमाम जनप्रतिनिधियों से मिल चुके है। लेकिन उन्हें अब तक सिर्फ आश्वासन ही मिले हैं। इसके अलावा वाहन स्वामी ने वन निगम के अधिकारियों से मुलाकात कर व्यवस्था को दुरुस्त करने की मांग की है।
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