तराई की प्रमुख चार ट्रेने बंद होने से कामगारों को बढ़ी मुसीबतें, पहले मात्र 20 रुपये में मुरादाबाद से पहुंचते थे काशीपुर
काशीपुर इंड्रस्ट्री हब है यहां के कंपनियां उत्तर प्रदेश के हजारों कामगारों पर निर्भर हैं। रेलवे के जरिये यह कामगार अपने काम पर पहले आते और जाते थे। पर रेलवे प्रशासन द्वारा चार गाडि़यों को पूरी तरह से बंद करने से इन श्रमिकों के सामने बड़ा संकट गहरा गया है।
जागरण संवाददाता, काशीपुर (ऊधमसिंह नगर) : भारतीय रेल ही परिवहन के लिए आम आदमी की लाइफ लाइन रही है। वहीं पूर्वोत्तर रेलवे इज्जतनगर मण्डल के परिचालन विभाग में चार रेल गाड़ियां बंद करनेे का निर्णय से तराई क्षेत्र की जनता के सामने बड़ी समस्या बनकर सामने आई है। काशीपुर इंड्रस्ट्री हब है यहां के कंपनियां उत्तर प्रदेश के हजारों कामगारों पर निर्भर हैं। रेलवे के जरिये यह कामगार अपने काम पर पहले आते और जाते थे। पर रेलवे प्रशासन द्वारा चार गाडि़यों को पूरी तरह से बंद करने से इन श्रमिकों के सामने परिवहन का बड़ा संकट गहरा गया है। काशीपुर तक आने जाने में श्रमिकों को तीन गुना किराया खर्च करना पड़ रहा है।
पूर्वोत्तर रेलवे ने 4 रेलगाड़ियों स्थायी रूप से बंद कर दी है, जिसमें से दो रामनगर-काशीपुर-मुरादाबाद होते हुये हरिद्वार के बीच तथा दो रामनगर-काशीपुर-मुरादाबाद के बीच चलती थी। इसमें गाड़ी संख्या 55321 (मुरादाबाद-रामनगर), 55308 (रामनगर-मुरादाबाद), 15033 (हरिद्वार-रामनगर) तथा 15034 (रामनगर-हरिद्वार) को स्थायी रूप से बंद करनेे का निर्णय लिया गया है। गाड़ी संख्या 55321 मुरादाबाद से रोजाना प्रातः 07ः35 बजे चलकर गोट, सेहल, पीपलसाना, जालपुर, रोशनपुर, पदियानगला, अलीगंज होते हुये 09ः05 बजे काशीपुर पहुंचती थी इस ट्रेन के जरिये हजारों श्रमिक काशीपुर पहुंचते थे अौर अपने कंपनियों पर चले जाते थे। वहीं इस रूट पर चलने वाली अतिरिक्त ट्रेन संख्या 15034 बंद कर दी गयी हैै। सप्ताह में 3 दिन बृहस्पतिवार, शनिवार तथा रविवार को चलती थी। यह गाड़ी रामनगर से सुबह आठ बजकर 25 मिनट पर चलकर काशीपुर पहुंचकर आठ बजकर 45 मिनट पर काशीपुर से चलकर रोशनपुर, पीपलसाना होते हुये 10ः30 बजे मुरादाबाद तथा नजीबाबाद, लक्सर होते हुये दोपहर 02ः05 बजेे हरिद्वार पहुंचती थी। यह ट्रेने भी रोजाना यात्रियों में काफी लोकप्रिय थी।
प्राइवेट बस वाले वसूल रहे मनमाना किराया
मुरादाबाद से काशीपुर तक आने वाले श्रमिकों को ट्रेन सुविधा न होने से प्राइवेट बसों के मनमानी का शिकार होना पड़ रहा है जहां जहां पहले 20 रुपये में काशीपुर पहुंच जाते थे वहीं अब बसों में 70 रुपये तक उनके खर्च करने पड़ रहे हैं। श्रमिकों का कहना है कि रेलवे की ट्रेने न चलने से सीधे तोर पर सबसे ज्यादा मार श्रमिकों को ही पड़ रही है। यह ट्रेने श्रमिकों के लिए आने जाने के लिए लाइफ लाइन थीं।
गढ़वाल को जोड़ने वाली ट्रेने भी बंद
रामनगर से जुड़े पहाड़ों तथा काशीपुर को गढ़वाल सेे जोेड़ने वाली एक मात्र ट्रेन संख्या 15033 जो सप्ताह में तीन दिन बृहस्पतिवार, शनिवार, रविवार चलती थी उसे बंद कर दिया गया है। यह एक मात्र ट्रेने थी जो तराई और कुमाऊं के इस क्षेत्र को गढ़वाल से जोड़ती थी। लंबे समय से इस ट्रेन को देहरादून तक बढ़ाए जाने की मांग भी उठाई जा रही थी लेकिन राजस्व का हवाला देकर इस ट्रेन को स्थाई रूप से बंद करने से गढ़वाल जाने वाले यात्रियों को बढ़ा भार पड़ा है। रेलवे के निर्णय ने जहां आज यात्रियों के लिए मुसीबतें बढ़ा दी हैं वहीं पर्यटन क्षेत्र रामनगर जोड़ने वाली ट्रेने भी बंद की गई हैं।
कम राजस्व दिखाकर बंद की गई ट्रेनें
रेलवे अधिकारियों की माने तो तराई को पहाड़ से जोड़ने वाले इस प्रमुख रूट पर बंद करने का निर्णय इससे प्राप्त आय/राजस्व केे आधार पर बताकर लिया गया हैै। गाड़ी संख्या 15033/34 की प्रतिदिन आय मात्र 32655 रूपए, गाड़ी सं0 55308 की दैैनिक आय 32900 तथा गाड़ी संख्या 55321 की दैैनिक आय रूपए19300 मात्र दर्शाया गया है।