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लकड़ी व ट्रांसपोर्ट कारोबारियों ने वन निगम से मांगी मोहलत, झेलना पड़ सकता है बड़ा नुकसान

लकड़ी कारोबारी और ट्रांसपोर्ट व्यवसाय से जुड़े लोगों को पिछले दो माह से संकट का सामना करना पड़ रहा है। डिपो से चीड़ सागौन व शीशम आदि को बाहर नहीं भेजा सका।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Tue, 05 May 2020 09:01 AM (IST)Updated: Tue, 05 May 2020 09:01 AM (IST)
लकड़ी व ट्रांसपोर्ट कारोबारियों ने वन निगम से मांगी मोहलत, झेलना पड़ सकता है बड़ा नुकसान
लकड़ी व ट्रांसपोर्ट कारोबारियों ने वन निगम से मांगी मोहलत, झेलना पड़ सकता है बड़ा नुकसान

हल्द्वानी, जेएनएन : लकड़ी कारोबारी और ट्रांसपोर्ट व्यवसाय से जुड़े लोगों को पिछले दो माह से संकट का सामना करना पड़ रहा है। डिपो से चीड़, सागौन व शीशम आदि को बाहर नहीं भेजा सका। परिवहन को लेकर पास न मिलने से यह समस्या खड़ी हुई है। वहीं, वन निगम द्वारा डेटलाइन तय करने से अब कारोबारियों को सिक्यूरिटी जब्त होने के साथ पैनाल्टी भुगतने का डर अलग से सता रहा है। ऐसे में उन्होंने वन निगम से राहत देने की मांग की है। मगर अब तक कोई सुनवाई नहीं हुई।

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कुमाऊं से इमारती लकडिय़ों का बड़ा कारोबार होता है। यहां की चीड़ बेहतर क्वालिटी होने के कारण मार्च व अप्रैल में हरियाणा, उप्र, बिहार आदि जगहों पर सप्लाई होती है। कूलर की घास बनाने के साथ धूप बनाने में भी यह काम आती है। तो शीशम व सागौन को इमारती लकड़ी माना जाता है। लकड़ी कारोबारियों की माने तो लॉकडाउन से पहले कुछ ने माल खरीद लिया था। कई ने सिक्यूरिटी जमा कर बुकिंग तक कर ली। करीब दस करोड़ की सागौन-शीशम व दो करोड़ की चीड़ सप्लाई होनी थी। बाहर सब फैक्टियां खुली है। माल की डिमांड भी है, लेकिन ट्रांसपोर्ट पास नहीं होने से मामला अटका है। इसके अलावा वन निगम द्वारा 11 मई तक माल निकालने की डेट तय कर परेशानी और बढ़ा दी है। वहीं, ट्रांसपोर्ट कारोबारियों का कहना है कि ट्रक मालिक, लेबर, चालक की रोजी-रोटी भी इस धंधे से जुड़ी है। उन सबके समक्ष आर्थिक संकट खड़ा हो गया।

क्या कहा कारोबारियों ने   

पवन अरोरा, लकड़ी कारोबारी ने बताया कि पहले लॉकडाउन की वजह से काम ठप हो गया। अब सिक्यूरिटी डूबने का नौबत आ रही है। बगैर अनुमति माल कैसे लेकर जा सकते हैं। प्रशासन व वन निगम इस समस्या का समाधान निकालना चाहिए।वहीं प्रदीप सब्बरवाल, ट्रांसपोर्ट कारोबारी हरियाणा, उप्र व बिहार तक ट्रक सप्लाई किए जाते थे। मगर इस बार ट्रांसपोर्ट कारोबारी से लेकर वाहनस्वामी के समक्ष भी आर्थिक संकट खड़ा हो गया है। उसके बावजूद कोई सुध नहीं ले रहा। इस पर जेसी पंत, आरएम कुमाऊं ने कहा कि रामनगर में लोग पास बनाकर लकड़ी लेकर जा रहे हैं। वन निगम को माल देने में कोई दिक्कत नहीं है।

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