हस्तक्षेप के बाद महिला को मिला आशियाना
रामनगर में एक सिपाही ने अपनी पत्नी को मकान मालिक से कहकर बेघर कर दिया। महिला रात में बच्चों व सामान के साथ स्कूल के मैदान में खुले आसमान के नीचे रही। कोतवाली के एक दारोगा भी पीड़िता की मदद नहीं की। महिला आयोग की पूर्व उपाध्यक्ष के मौके पर पहुंचने के बाद रात में पुलिस के कहने पर मकान मालिक महिला को दो दिन के लिए घर में रखने को राजी हुआ।
संस, रामनगर : रामनगर में एक सिपाही ने अपनी पत्नी को मकान मालिक से कहकर बेघर कर दिया। महिला रात में बच्चों व सामान के साथ स्कूल के मैदान में खुले आसमान के नीचे रही। कोतवाली के एक दारोगा भी पीड़िता की मदद नहीं की। महिला आयोग की पूर्व उपाध्यक्ष के मौके पर पहुंचने के बाद रात में पुलिस के कहने पर मकान मालिक महिला को दो दिन के लिए घर में रखने को राजी हुआ।
शनिवार को महिला आयोग की पूर्व उपाध्यक्ष अमिता लोहनी के पास पहुंची पीड़िता ने बताया कि उसके पहले पति की मौत हो चुकी है। उसके दो बच्चे है। कोटाबाग निवासी पीएसी के एक सिपाही की उससे शादी में मुलाकात हुई। फिर वह फोन करने लगा। दिसंबर 2017 में सिपाही ने उससे शादी कर ली। दूसरे पति से भी उसका एक बेटा हो गया। सास व ननद अपने बेटे से तलाक देने को कहते है। 20 जुलाई को पति, सास व ननद ने झगड़ा किया और उसे छोड़कर घर से चले गए। उन्होंने मकान मालिक से कहकर शुक्रवार को उसे बच्चों व सामान समेत कमरे से निकाल दिया। महिला ने बताया कि वह कोतवाली में एसआइ के पास मदद के लिए गई, लेकिन एसआइ ने उसे उल्टा अपमानित करके भगा दिया। उसकी किसी ने मदद नहीं की तो सूचना मिलने पर अमिता लोहनी रात दस बजे हिम्मतपुर गाव पहुंची। लोहनी ने पुलिस बुलाकर मकान मालिक से कहकर महिला को घर में रखवाया। लोहनी ने बताया कि पीड़िता को पूरा न्याय दिलाया जाएगा।
वर्जन
महिला को रात में घर में रखवा दिया था। महिला ने अभी कोई एप्लीकेशन नहीं दी है। एप्लीकेशन आने पर जाच की जाएगी। दारोगा पर अपमानित करने का आरोप गलत है।
-रवि सैनी, कोतवाल रामनगर