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पह‍ले कोरोना ने पिता को छीना और अब एंबुलेंस न मिलने से मां की चली गई जान

किडनी की बीमारी से ग्रसित चंपावत जिले के बाराकोट ब्‍लॉक के मिर्तोली गांव निवासी दीपा देवी की मौत के लिए परिजनों ने सिस्टम की लापरवाही को जिम्मेदार ठहराया है। दीपा की मौत समय पर एबुंलेंस न मिलने से रविवार की रात हो गई थी।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Tue, 22 Jun 2021 01:56 PM (IST)Updated: Tue, 22 Jun 2021 01:56 PM (IST)
पह‍ले कोरोना ने पिता को छीना और अब एंबुलेंस न मिलने से मां की चली गई जान
पह‍ले कोरोना ने पिता को छीना और अब एंबुलेंस न मिलने से मां की चली गई जान

चम्पावत, संवाद सहयोगी : किडनी की बीमारी से ग्रसित चंपावत जिले के बाराकोट ब्‍लॉक के मिर्तोली गांव निवासी दीपा देवी की मौत के लिए परिजनों ने सिस्टम की लापरवाही को जिम्मेदार ठहराया है। दीपा की मौत समय पर एबुंलेंस न मिलने से रविवार की रात हो गई थी। मामला तूल पकडऩे के बाद सीएमओ ने एंबुलेंस प्रभारी को नोटिस जारी कर तीन दिन के भीतर स्थिति स्पष्ट करने के निर्देश दिए हैं। इधर मरीज को जरूरत के वक्त आपातकालीन सुविधा का लाभ न मिलने से 108 सेवा के खिलाफ भी लोगों में गुस्सा देखा जा रहा है। दीपा के पति की मौत एक माह पूर्व ही कोराना महामारी से हो गई थी।

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बाराकोट विकास खंड के मिर्तोली गांव निवासी दीपा देवी (36) पत्नी स्व. दिनेश चंद्र बहुगुणा की की दोनों किडनियां खराब थीं। लंबे समय तक अस्पतालों में उसका उपचार चला। आर्थिक तंगी के कारण स्वजन उसे घर ले आए और अस्पताल की पर्ची के आधार पर दवा लेकर उसका उपचार कर रहे थे। रविवार की रात उसकी तबियत ज्यादा खराब हो गई। रात में ही 10:30 बजे स्वजनों ने उसे सीएचसी लोहाघाट पहुंचाया। बताया जा रहा है कि आक्सीजन लेबल कम होने से डाक्टरों ने उसे हायर सेंटर रेफर कर दिया। अस्पताल में खड़ी एंबुलेंस खराब होने के कारण स्टार्ट नहीं हो सकी। रात का वक्त होने से अन्य कोई निजी वाहन भी नहीं मिल सका।

अस्पताल प्रशासन ने बाराकोट एंबुलेंस को फोन किया तो उसे भी खराब बताया गया। जिसके बाद सीएमओ और आपदा कंट्रोल रूम से मदद मांगी गई। आरोप है कि दोनों जगह फोन रिसीव हुआ। काफी मुश्किल के बाद रात एक बजे करीब चम्पावत से एबुंलेंस अस्पताल पहुंची। हायर सेंटर ले जाते वक्त दीपा देवी ने सूखीढांग से कुछ आगे दम तोड़ दिया। परिजनों का कहना है कि समय रहते मरीज को हायर सेंटर पहुंचा दिया जाता तो उसकी मौत नहीं होती।

सीएमओ डा. आरपी खंडूरी ने बताया कि रात में उनके पास एंबुलेंस संबंधी कोई फोन नहीं आया। उन्हें घटना की जानकारी अगले दिन सुबह हुई। बताया कि चम्पावत की सीएमओ डा. आरपी खंडूरी ने बताया कि मिर्तोली गांव में किडनी की बीमारी से पीडि़त महिला की मौत समय पर एंबुलेंस न मिलने से होने की बात संज्ञान में आई है। 108 के जिला प्रभारी को नोटिस जारी कर तीन दिन के भीतर जबाव मांगा गया है। संज्ञान में यह भी आया है कि बाद में महिला को एंबुलेंस मिल गई। लेकिन समय पर यह सुविधा मिलनी चाहिए थी। विभागीय स्तर पर मामले की जांच शुरू कर दी गई है।

दादी पर बच्‍चों के देखभाल की जिम्‍मेदारी

दीपा देवी के पति 39 वर्षीय दिनेश चंद्र बहुगुणा की 15 मई को कोरोना संक्रमण से मौत हो गई थी। मृतका की एक बेटी और एक बेटा है। बड़ी बेटी शिवानी कक्षा नौ और बेटा महेश कक्षा छह में पढ़ता है। माता पिता दोनों की मौत होने से बच्चों के सिर से साया उठ गया है। बच्चों के पठन पाठन से लेकर उनके भरण पोषण की जिम्मेदारी अब उनकी 65 वर्षीय बुजुर्ग दादी लक्ष्मी देवी के उपर आ गई है।

बेटी शिवानी ने इंटरनेट मीडिया के माध्यम से की थी अपील

मृतका दीपा देवी की बीमारी और परिवार में आर्थिक संकट का जिक्र पन्द्रह दिन पूर्व उसकी बेटी शिवानी ने इंटरनेट मीडिया में की थी। उसने लोगों से अपनी माता के इलाज के लिए आर्थिक मदद की गुहार लगाई थी। जिसके बाद गीतांजलि सेवा समिति और अन्य सामाजिक संगठनों एवं व्यक्तियों ने अपनी ओर से दीपा के घर जाकर अपनी ओर से आर्थिक सहायता और राशन दिया था। माता पिता दोनों की मौत के बाद अब शिवानी उसके भाई महेश तथा वृद्ध दादी लक्ष्मी देवी का रो-रोकर बुरा हाल है।

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