कसी कमर : जमीन खरीद के नोटिफिकेशन से मंदी को देंगे मात
उत्तराखंड मंदी में अपने को मजबूत रखने में सक्षम है लेकिन ठोस पहल की जरूरत है। उद्योग सेक्टर के तहत 12 एकड़ से अधिक जमीन खरीद के नोटिफिकेशन पर सरकार ने चर्चा की पर लागू नहीं किया।
अरविंद कुमार सिंह, रुद्रपुर। ऑटो सेक्टर से लेकर रियल इस्टेट और पूरा उद्योग जगत आर्थिक मंदी की चपेट में है। इस विकट हालात में भी उत्तराखंड अपने को मजबूत रखने में सक्षम है, लेकिन इसके लिए ठोस पहल की जरूरत है। उद्योग सेक्टर के तहत 12 एकड़ से अधिक जमीन खरीद के नोटिफिकेशन पर प्रदेश सरकार ने चर्चा तो की है, लेकिन अभी तक लागू नहीं किया है। ऐसे में एक लाख करोड़ की पूंजी निवेश करने के लिए इच्छुक उद्यमी मायूस हैं।
देहरादून में अक्टूबर 2018 में इन्वेस्टर समिट हुआ था। उसमें देश भर के उद्यमियों ने एक लाख करोड़ रुपये निवेश करने की इच्छा जताई थी। समिट के बाद लगा कि राजस्व में इजाफा होगा और रोजगार के अवसर भी सृजित होंगे। इसे आगे बढ़ाने के लिए राज्य सरकार ने मेगा इन्वेस्ट पॉलिसी बनाई और मार्च 2020 तक लागू रखने की घोषणा की। निर्णय लिया गया कि उद्यमी राज्य में 12 एकड़ से अधिक भूमि उद्योग के लिए खरीद सकेंगे। इस बीच कई उद्यमियों ने इस उम्मीद से किसानों से जमीन खरीद का अनुबंध करा लिया कि नोटिफिकेशन जारी होते ही रजिस्ट्री करा लेंगे। मगर अभी तक उनकी उम्मीद पूरी नहीं हो सकी। उद्यमी अनुबंध के समय किसानों को काफी पैसे भी दे चुके हैं। ऐसे में नोटिफिकेशन न होने से उन्हें पूंजी डूबने की आशंका सताने लगी है।
तो उद्योग को मिलेगी संजीवनी
हरिद्वार व ऊधमसिंह नगर में सिडकुल और काशीपुर इंडस्ट्रीयल एरिया में बड़ी संख्या में उद्योग लगे हैं। देश-दुनिया की मंदी से यहां के उद्योग भी अछूते नहीं हैं। ऐसे में जमीन खरीद का नोटिफिकेशन जारी हो जाए तो राज्य को मंदी से उबारा जा सकता है।
एक्सपर्ट का है यह कहना
अशोक बंसल, अध्यक्ष, केजीसीसीआइ ने कहा कि जमीन खरीद का नोटिफिकेशन जारी न होने से पूंजी निवेश ठप है। कई लोग उद्योग लगाने के लिए जमीन खरीद कर अनुबंध करा लिए हैं। लेकिन नोटिफिकेशन न होने से रजिस्ट्री नहीं करा पा रहे हैं। इन्वेस्टर समिट में एक लाख करोड़ पूंजी निवेश की उद्यमियों ने इच्छा जताई थी। यदि सच में पूरा निवेश हो जाए तो राज्य को मंदी से उबारा जा सकता है। इससे सरकार के राजस्व में इजाफा के साथ रोजगार का भी सृजन होगा। आरके गुप्ता, महासचिव, केजीसीसीआइ का कहना है कि पूंजी निवेश करने के लिए बहुत से उद्यमी तैयार हैं। मगर सड़कों का बुरा हाल है। सितारगंज में सिडकुल से चोरगलिया तक का मार्ग जर्जर हो गया है। कई उद्यमी बदहाल सड़क देखकर ही उद्योग लगाने से कतराने लगते हैं। नोटिफिकेशन जारी करने के साथ इंफ्रास्ट्रक्चर भी बेहतर होना चाहिए।
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