अल्मोड़ा में यात्रियों की कमी व केमू की हड़ताल से नहीं घूमे बसों के पहिए
बीते दो माह से लगातार घाटा झेल रही अल्मोड़ा डिपो की तीन बस सेवाओं के चक्के थमे रहे। अलग अलग रूट्स की जो तीन गाडिय़ां भी चली थीं उनमें गिने चुने यात्री ही मिल सके। उधर केमू संचालकों की बैठक में आज दोपहर तक फैसला होने की उम्मीद है।
जागरण संवाददाता, अल्मोड़ा : कोविड कफ्र्यू में पहले दिन रोडवेज बसों से सफर में ढील दी गई। मगर यात्री कम ही निकले। सवारियां न मिलने से बीते दो माह से लगातार घाटा झेल रही अल्मोड़ा डिपो की तीन बस सेवाओं के चक्के थमे रहे। अलग अलग रूट्स की जो तीन गाडिय़ां भी चली थीं, उनमें गिने चुने यात्री ही मिल सके। उधर कोरोनाकाल से ही हड़ताल पर चल रहे कुमाऊं मोटर ऑनर्स यूनियन (केमू) संचालकों की काठगोदाम में आहूत बैठक में बसों के संचालन पर आज दोपहर तक फैसला होने की उम्मीद है।
अल्मोड़ा रोडवेज स्टेशन में यात्रियों के मामले में पाबंदी हटाने के बावजूद सन्नाटा पसरा रहा। प्रात: छह से 10 बजे तक मुख्य स्टेशन से अल्मोड़ा डिपो से टनकपुर, हल्द्वानी, बागेश्वर, धरमघर, हरिद्वार व दिल्ली के लिए बससेवा चलती है। बुधवार को इस अवधि में सवारियां न मिलने से हरिद्वार, दिल्ली व धरमघर के लिए बस सेवा ठप रही। मगर जो तीन बसें चली थी तो उनमें यात्री न के बराबर रहे। टनकपुर के आठ, हल्द्वानी 15 व बागेश्वर के लिए महज पांच ही यात्रियों को लेकर बस रवाना हुई। कोरोना की मार पडऩे से पहले अल्मोड़ा डिपो की कुल 19 बस सेवाओं से करीब चार लाख रुपये की आमदनी होती थी।
मगर वैश्विक महासंकट के चलते 10 अप्रैल से अब तक अल्मोड़ा डिपो को 1.20 करोड़ रुपये का घाटा हो चुका है। प्रभारी वरिष्ठ स्टेशन इंचार्ज उमेश भट्ट के अनुसार पूर्व में रोडवेज की बसों में 50 फीसद यात्रियों को ले जाने की बाध्यता थी। मगर वह भी नहीं मिल रहे थे। अब संशोधित गाइडलाइन में बुधवार से बस से सफर में राहत दी गई है पर यात्री नहीं निकले। उम्मीद जताई कि अब धीरे धीरे संख्या बढऩे से आय बढऩे से हालात सुधरेंगे।
हड़ताल से केमू को 1.85 करोड़ की चोट
कुमाऊं मोटर ऑनर यूनियर की बीती दो मई से यात्रियों की बाध्यता व निर्धारित किराए से नाराज संचालक अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए थे। वरिष्ठ स्टेशन प्रभारी बीसी चंदोला के मुताबिक बुधवार को बस ऑनर्स यूनियन की काठगोदाम में बैठक बुलाई गई है। बस सेवा शुरू करने के मसले पर यूनियन जो निर्णय जो लेगी उसका पालन किया जाएगा। केमू की अल्मोड़ा शाखा को हड़ताल से 1.85 करोड़ रुपये का घाटा हो चुका है।
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