अधिवक्ता राजेश सूरी हत्याकांड में क्या है जांच रिपोर्ट की स्थिति : हाईकोर्ट
कोर्ट ने मामले की जांच कर रही एसआइटी को 14 फरवरी तक जांच की प्रगति रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिए हैं। साथ ही याचिकाकर्ताओं की सुरक्षा का जायजा लेते रहने को कहा है एसआइटी ने इस मामले की जांच के लिए कोर्ट से समय मांगा है।
जागरण संवाददाता, नैनीताल : देहरादून के अधिवक्ता राजेश सूरी की हत्या के मामले में सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने मामले की जांच कर रही एसआइटी को 14 फरवरी तक जांच की प्रगति रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिए हैं। साथ ही याचिकाकर्ताओं की सुरक्षा का जायजा लेते रहने को कहा है, एसआइटी ने इस मामले की जांच के लिए कोर्ट से समय मांगा है।
शुक्रवार को कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति संजय कुमार मिश्रा व न्यायमूर्ति आरसी खुल्बे की विशेष बैंच में सुनवाई के दौरान एसआइटी टीम की सदस्य विशाखा अशोक वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से पेश हुई। उन्होंने जांच के लिए कोर्ट से समय मांगा। देहरादून निवासी रीता सूरी व राजकुमार सूरी ने याचिका दायर कर कहा है कि 30 नवंबर 2014 को अधिवक्ता राजेश सूरी हत्या कर दी गई थी। घटना के दिन राजेश हाई कोर्ट से घोटालों से संबंधित मामलों की पैरवी कर देहरादून लौट रहे थे। उनको जहर देकर ट्रेन में ही मार दिया गया। राजेश की सभी महत्वपूर्ण फाइलेें भी गायब हो गई थी।
एसआइटी ने इस मामले की दो बार जांच की लेकिन जांच अधूरी है। रीता का यह भी कहना है कि राजेश ने देहरादून के तमाम घोटाले उजागर किए। इनमें बलवीर रोड में जज क्वाटर घोटाला भी शामिल था। 2003 में तत्कालीन जिलाधिकारी राधा रतूड़ी ने इस संपत्ति को कुर्क करने के साथ ही किसी तरह के निर्माण पर रोक लगा दी थी। राजेश ने 20 करोड़ का स्टांप घोटाला भी उजागार किया था।