चार दिन में चार क्यूसेक घट गया गौला का जलस्तर, लगातार पानी घटने से बढ़ रही सिंचाई विभाग की चिंता
चार दिन पहले गौला में पानी का स्तर 84 क्यूसेक दर्ज किया गया था। गुरुवार को नदी का जलस्तर 80 क्यूसेक पहुंच गया है। सिंचाई विभाग के अपर सहायक अभियंता मनोज तिवाड़ी ने बताया कि इस साल फरवरी में कम बरसात हुई। जिससे नदी का जलस्तर घटता जा रहा है।
जागरण संवाददाता, हल्द्वानी: फरवरी में ही तापमान 30 डिग्री के पास पहुंचने के साथ ही गौला का जलस्तर तेजी से घट रहा है। इससे जलसंस्थान और सिंचाई विभाग को गर्मियों की चिंता सताने लगी है। अगर बरसात नहीं हुई तो नदी का जलस्तर घटने के साथ किसानों की फसलों के लिए भी पानी का संकट हो जाएगा।
सिंचाई विभाग के मुताबिक चार दिन पहले गौला में पानी का स्तर 84 क्यूसेक दर्ज किया गया था। गुरुवार को नदी का जलस्तर 80 क्यूसेक पहुंच गया है। सिंचाई विभाग के अपर सहायक अभियंता मनोज तिवाड़ी ने बताया कि इस साल फरवरी में काफी कम बरसात हुई। जिससे नदी का जलस्तर घटता जा रहा है। हालांकि जलसंस्थान को उसकी मांग के मुताबिक पूरा 30 क्यूसेक पानी दिया जा रहा है। जबकि हल्द्वानी, गौलापार, कालाढूंगी रोड, बरेली रोड व रामपुर रोड के क्षेत्रों के लिए चार प्रमुख नहरें हैं।
सभी नहरों को पूरा चलाने के लिए 90-90 क्यूसेक पानी की जरूरत होती है। रोस्टर से नहरें चलाने के बावजूद मात्र 50 क्यूसेक पानी ही सिंचाई के लिए दिया जा रहा है। अगर बरसात नहीं हुई और नदी का जलस्तर इसी तेजी से घटा तो गर्मियों में सिंचाई के साथ ही पेयजल के संकट गहराने के आसार बन रहे हैं।
पिछले 10 सालों में फरवरी में हुई बारिश
वर्ष बरसात (मिलीमीटर में)
2012 185
2013 332
2014 233
2015 154
2016 20
2017 135
2018 19
2019 217
2020 378
2021 67
गर्मी में ऊर्जा की आपूर्ति बहाल रखने की तैयारी शुरू
गर्मी बढऩे के साथ ही बिजली की खपत भी बढऩे लगी है। समय से पहले गर्मी बढऩे पर ट्रांसफार्मरों में लोड बढ़ रहा है। इसके साथ ही ऊर्जा निगम ने गर्मियों में बिजली की आपूर्ति बहाल करने के लिए तैयारी तेज कर दी है। ऊर्जा निगम के अधिशासी अभियंता विद्युत वितरण खंड शहर डीके जोशी ने बताया कि शहर के सभी ट्रांसफार्मरों का लोड जांचा जा रहा है। अगर किसी ट्रांसफार्मर के ओवरलोड होने की संभावना रही तो उसे बदलने की कार्यवाही की जाएगी। इसके साथ ही तेज हवा से टहनियां टूटकर तारों पर गिरती है और फाल्ट आने से उपभोक्ता परेशान रहते हैं। ऊर्जा निगम का मार्च तक राजस्व वसूली का अभियान चल रहा है। एक अप्रैल से हाईटेंशन व लोटेंशन लाइनों से टकराने वाले पेड़ों की टहनियों की लापिंग-चापिंग कराने के लिए अभियान चलाया जाएगा।
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