गौला का जलस्तर 1600 क्यूसेक पार, बैराज का एक गेट खोला, पानी संग भारी मात्रा में सिल्ट से जलापूर्ति भी प्रभावित
बुधवार को भी पहाड़ों के साथ तराई-भाबर में तेज बरसात हुई। इससे नदी का जलस्तर बढऩे लगा। सिंचाई विभाग के अवर सहायक अभियंता मनोज तिवाड़ी ने बताया कि गौला बैराज के रिकार्ड के अनुसाल सुबह जलस्तर 203 क्यूसेक था। जबकि शाम तक जलस्तर 1600 क्यूसेक के ऊपर पहुंच गया।
जागरण संवाददाता, हल्द्वानी : पहाड़ों में बरसात की वजह से गौला नदी का जलस्तर 1600 क्यूसेक से ऊपर पहुंच गया। पानी के साथ काफी मलबा आने पर सिंचाई विभाग को बैराज का एक गेट खोलना पड़ गया। वहीं इससे पेयजल की व्यवस्था भी लड़खड़ाई। इसके साथ ही पानी के साथ सिल्ट आने से जलसंस्थान के ट्रीटमेंट प्लांट की पानी फिल्टरेशन क्षमता लड़खड़ा गयी।
तीन दिन पहले भी बरसात से गौला नदी का जलस्तर बढ़ा था। उस समय जलस्तर 23 सौ क्यूसेक के पार हुआ था। वहीं बुधवार को भी पहाड़ों के साथ तराई-भाबर में तेज बरसात हुई। इससे नदी का जलस्तर बढऩे लगा। सिंचाई विभाग के अवर सहायक अभियंता मनोज तिवाड़ी ने बताया कि गौला बैराज के रिकार्ड के अनुसाल सुबह के समय छह बजे नदी का जलस्तर 203 क्यूसेक था। जबकि शाम तक जलस्तर 1600 क्यूसेक के ऊपर पहुंच गया था। शुरुआती बरसात की वजह से पानी के साथ भारी मात्रा में सिल्ट भी आ रही है। जिससे बैराजों के गेटों को खतरा रहता है।
मलबा व पानी निकालने के लिए बैराज का गेट नंबर छह खोल दिया गया है। जिससे बैराज पर दबाव न पड़े। वहीं जलसंस्थान के अफसरों के मुताबिक गौला से आ रहे पानी के साथ भारी मात्रा में सिल्ट आ रही है। जिससे फिल्टर करने में काफी समय लग रहा है। इसका असर पेयजल व्यवस्था पर भी पड़ रहा है। बुधवार को शाम के समय शहर की पेयजल पेयजल व्यवस्था प्रभावित हुई। हालांकि कहीं से भी जनसंकट की शिकायत जलसंस्थान के अफसरों तक नहीं आई है।
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