जल संस्थान के कर्मियों की हड़ताल से बढ़ा पानी का संकट, नलकूप ठप होने से टैंकर की भी दिक्कत
170 कर्मचारी पांच सूत्री मांगों को लेकर गुरुवार से हड़ताल पर चले गए हैं जिस वजह से शहरी व ग्रामीण आबादी के आधे से ज्यादा नलकूपों पर ताला लटक गया है। भले अधिकांश नलकूप आटोमैटिक हैं लेकिन वाल्व खोलने के लिए कोई कर्मचारी नहीं होने से आपूर्ति सिस्टम ठप है।
जागरण संवाददाता, हल्द्वानी : जल संस्थान के कर्मचारियों की हड़ताल ने जनता को बेहाल कर दिया है, जबकि वैकल्पिक व्यवस्था के दावे करने वाले अफसर अब बेबस नजर आ रहे हैं। स्थिति यह है कि शहर से लेकर गांव तक के लोग दशहरे के दिन पानी की तलाश में सुबह से खाली बर्तन लेकर दौड़ते रहे। छड़ायल नयाबाद स्थित पेयजल मंत्री बिशन सिंह चुफाल के इलाके का नलकूप भी ठप पड़ा है। वहीं, जल संस्थान के अफसरों को इस संकट की वजह बताते हुए जजफार्म व लाइन नंबर आठ में लोगों ने प्रदर्शन भी किया।
हल्द्वानी डिवीजन में तैनात संविदा व श्रमिक वर्ग के 170 कर्मचारी पांच सूत्री मांगों को लेकर गुरुवार से हड़ताल पर चले गए हैं, जिस वजह से शहरी व ग्रामीण आबादी के आधे से ज्यादा नलकूपों पर ताला लटक गया है। भले अधिकांश नलकूप आटोमैटिक हैं, लेकिन वाल्व खोलने के लिए कोई कर्मचारी नहीं होने से आपूर्ति सिस्टम पूरी तरह लड़खड़ा गया है। ऐसे में लोगों को किराये के टैंकर मंगाकर प्यास बुझानी पड़ रही है।
जजफार्म के नलकूप के पास सामाजिक कार्यकर्ता उमेश बिनवाल के नेतृत्व में खाली बर्तन लेकर प्रदर्शन कर रहे लोगों ने कहा कि हड़ताल का समाधान नहीं निकालने और इमरजेंसी में वैकल्पिक व्यवस्था के इंतजाम को पुख्ता न करने से जनता पानी के लिए भटक रही है। प्रदर्शन में संदीप बिनवाल, विपिन शर्मा, ललित बिनवाल, लीलावती थुवाल, शांति नौटियाल, रचना शर्मा, बब्बी भट्ट, पदमा पपनै, आशा पपनै, कैलाश बिष्ट, रोहित बिनवाल, उदित पलडिय़ा, उदय जोशी, रोहित अग्रवाल, रवि जोशी, मोहित अग्रवाल आदि शामिल थे। वहीं, लाइन नंबर आठ में गुस्साए लोगों ने कहा कि घनी आबादी होने की वजह से लोग पानी को तरस रहे हैं। लेकिन कोई सुनने को तैयार नहीं।
परिसर में कर्मचारियों की नारेबाजी
उत्तराखंड जल संस्थान संविदा व श्रमिक संघ के बैनर तले तिकोनिया स्थित ईई परिसर में धरने पर जुटे कर्मचारियों ने कहा कि समान कार्य-समान वेतन, स्थायीकरण, साप्ताहिक अवकाश समेत पांच मांगों को लेकर विभाग सुध नहीं ले रहा। मजबूरी में आंदोलन करना पड़ रहा है। वहीं, ईई संजय श्रीवास्तव ने हड़ताली कर्मचारियों को समझाने का प्रयास किया। लेकिन वह नहीं माने।
लोगों ने साझा की परेशानी
पानी सबसे बड़ी जरूरत है। उसी के लिए लोगों को सुबह से भटकना पड़ रहा है। जल संस्थान के अफसरों की अधूरी तैयारी ने संकट में डाल दिया।
-भूपाल सिंह राणा, बजूनियाहल्दू