गरमपानी में बारातियों को पानी पिलाने के लिए वाहनों से ढोया जा रहा पानी
गरमपानी क्षेत्र में ठंड में भी तमाम गावों में लोग बूंद-बूंद पानी को तरस रहे हैं।
संसू, गरमपानी : ठंड में भी तमाम गावों में लोग बूंद-बूंद पानी को तरस रहे हैं। हालात तब और बिगड़ रहे हैं जब ग्रामीणों के घरों में विवाह समारोह आदि का आयोजन हो रहे हैं। अल्मोड़ा-हल्द्वानी हाईवे पर बहने वाले प्राकृतिक जल स्त्रोत ग्रामीणों की जीवन रेखा बन चुके हैं। वाहनों के माध्यम से पानी ढोया जा रहा है। तब जाकर बारातियों के लिए पानी की व्यवस्था हो पा रही है।
अल्मोड़ा-हल्द्वानी हाईवे पर जगह जगह पर बहने वाले प्राकृतिक जल स्त्रोत बारातियों व घरातियों के हलक तर कर रहे हैं। आलम यह है कि दूरदराज से लोग वाहनों के माध्यम से प्राकृतिक जल स्त्रोतों में पानी लेने पहुंच रहे हैं। वाहनों के माध्यम से पानी की आपूर्ति की जा रही है। हाईवे पर लोहाली क्षेत्र से रोजाना आसपास के क्षेत्रों को वाहनों के माध्यम से पानी ले जाया जा रहा है। ग्रामीण बताते हैं की कई गांवों में समुचित पेयजल आपूर्ति नहीं हो रही है ऐसे में विवाह समारोह में स्थिति बिगड़ रही है। मजबूरी में कई किलोमीटर दूर आकर वाहनों के माध्यम से पानी घरों तक पहुंचाया जाता है तब जाकर बारातियों के हलक तर होते हैं।
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थुआ के जंगल से हाईवे पर निकलता स्त्रोत
ऐसा नहीं है कि अल्मोड़ा-हल्द्वानी हाईवे पर बेतालघाट ब्लाक के गाव के ही ग्रामीण वाहनों के माध्यम से पानी लेने पहुंच रहे हैं रानीखेत खैरना स्टेट हाईवे पर स्थित ताड़ीखेत ब्लाक के तमाम गावों के लोग भी वाहनों के माध्यम से लोहाली क्षेत्र में पानी लेने पहुंचते हैं। थुआ के जंगल से बहकर आने वाला पानी दोनों ब्लाकों के गाव के लोगों की प्यास बुझा रहा है।
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अतिरिक्त पैसा खर्च करना बना मजबूरी
गांवों में समुचित मात्रा में पेयजल आपूर्ति न होने से विवाह समारोह आदि में प्राकृतिक जल स्त्रोतों की ओर रुख करना मजबूरी बन चुका है। ऐसे में परिवारों के ऊपर अतिरिक्त बोझ भी पड़ता है। पानी के लिए वाहन स्वामी को बकायदा पैसे भी देने पड़ते हैं तब जाकर वाहन बुकिंग में प्राकृतिक जल स्त्रोत से पानी लेकर घरों तक पहुंचता है।
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उपभोक्ताओं के पेयजल टैंकर की मांग करने पर टैंकर से भी आपूर्ति की जाती है। यदि ग्रामीण टैंकर की मांग करेंगे तो उपलब्धता के आधार पर टैंकर से आपूर्ति की जाएगी।
दलीप बिष्ट, सहायक अभियंता जल संस्थान नैनीताल।