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सुन मारीच निशाचर भाई, चलहु मोर संग जहं रघुराई..

जासं हल्द्वानी रामलीला मैदान में चल रही वर्चुअल रामलीला में बुधवार को खर-दूषण वध सीता हरण जटायु मरण शबरी-श्रीराम मिलन की लीला का मंचन किया गया।

By JagranEdited By: Published: Wed, 21 Oct 2020 08:55 PM (IST)Updated: Wed, 21 Oct 2020 08:55 PM (IST)
सुन मारीच निशाचर भाई, चलहु मोर संग जहं रघुराई..

जासं, हल्द्वानी : रामलीला मैदान में चल रही वर्चुअल रामलीला में बुधवार को खर-दूषण वध, सीता हरण, जटायु मरण, शबरी-श्रीराम मिलन की लीला का मंचन किया गया। मारीच के पास पहुंचा रावण कहता है, सुन मारीच निशाचर भाई, चलहु मोर संग जहं रघुराई। होहु कपट मृग तुम छलकारी, जेहि विधि हरि आनों नृपनारी। रावण की जिद के आगे मारीच को न चाहते हुए सोने के मृग का वेश धारक कर चित्रकूट जाना पड़ता है। सीता खोज में निकले श्रीराम-लक्ष्मण को शबरी मिलती है। प्रभु को अपने द्वारे पाकर शबरी कहती है, केहि विधि अस्तुति करौं तुम्हारी, अधम जाति मैं जड़मति भारी। अधम ते अधम अति नारी, तिन महां मैं अति मंद गंवारी। शबरी सुग्रीव से मित्रता करने की सलाह देते हुए कहती है, विनती है तुमसे मेरी, ये सुनिये हो रघुवीर। पंपापुर जाहु गुसाई, सुग्रीव से करहु मिताई। आयोजन में अमित जोशी, राजेंद्र अग्रवाल तनुज गुप्ता, अन्नु अग्रवाल, सुशील शर्मा, मनोज राजोरिया, नीरज रावत, अतुल जायसवाल, यश गुप्ता, मधुर, राजेंद्र बिष्ट सहयोग कर रहे हैं।

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