महाराष्ट्र में हिंसा का मामला सुनियोजित साजिश
राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग की सदस्य स्वराज विद्वान का कहना है कि महाराष्ट्र की हिंसा सुनियोजित साजिश है।
नैनीताल, [जेएनएन]: राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग की सदस्य स्वराज विद्वान ने आयोग के पूर्व अध्यक्ष पीएल पुनिया पर आयोग की छवि धूमिल करने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि पुनिया का कार्यकाल में आयोग एक पार्टी विशेष का प्रवक्ता बन गया था, 51 हजार से अधिक मामले लंबित थे। अकेले उनके द्वारा सात माह में 3200 मामलों का निस्तारण किया।
उन्होंने महाराष्ट्र में हिंसा मामले को सुनियोजित साजिश करार दिया। साथ ही गुजरात विधायक जिग्नेश पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि मोदी राज में अनुसूचित जाति के हितों के लिए संशोधित एक्ट के तहत अनुसूचित जाति के व्यक्ति की हत्या पर आठ लाख 25 हजार मुआवजा और विधवा को प्रतिमाह पांच हजार पेंशन दी जाएगी।
सरकार प्रभावित परिवार को तीन माह तक खाद्यान्न भी देगी। जबकि अनुसूचित महिला के साथ दुष्कर्म पर सवा आठ लाख मुआवजा मिलेगा। इस दौरान उन्होंने साफ किया कि यदि शिकायत झूठी पाई गई तो संबंधित के खिलाफ कार्रवाई होगी। आयोग सदस्य ने नैनीताल के तल्लीताल में वाल्मीकि समुदाय के युवक की हत्या की भी निंदा की। साथ ही पीड़ित परिवार से मुलाकात की।
इस दौरान उन्होंने सरकार से मृतक की चार बहनों में से एक को सरकारी सेवा में सेवायोजित करने के निर्देश दिए। वहीं उन्होंने हल्द्वानी में भाजपा नेता समीर आर्य के साथ घर में घुसकर हमला करने के मामले को शर्मनाक करार देते हुए पुलिस से हालात सामान्य होने तक प्रभावित परिवार को सुरक्षा देने के निर्देश दिए।
यह भी पढ़ें: कांग्रेस ने विरासत में दिया प्रदूषण, बनानी होगी कार्ययोजना
यह भी पढ़ें: दून की नहीं रही शुद्ध आबोहवा, सबसे अधिक प्रदूषित शहरों में शामिल