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सरकारें बदलती रही, नहीं बदली तो लोहाघाटवासियों की क‍िस्‍मत, 14 साल बाद भी नहीं बुझी प्‍यास

प्रस्तावित सरयू लिफ्ट योजना 14 साल बाद भी अस्तित्व में नहीं आ पाई है। डीपीआर बनने के बाद भी राज्य की तमाम सरकारों ने योजना को आगे बढ़ाने में दिलचस्पी नहीं दिखाई। फलस्वरूप यह महत्वाकांक्षी योजना अधर में लटकी हुई है।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Sat, 31 Oct 2020 02:56 PM (IST)Updated: Sat, 31 Oct 2020 02:56 PM (IST)
सरकारें बदलती रही, नहीं बदली तो लोहाघाटवासियों की क‍िस्‍मत, 14 साल बाद भी नहीं बुझी प्‍यास
यहींं से लोहाघाट के लोगों को द‍िया जाना था पेयजल।

चम्पावत, जेएनएन: लोहाघाट नगर व आस पास के गांवों के लिए प्रस्तावित सरयू लिफ्ट योजना 14 साल बाद भी अस्तित्व में नहीं आ पाई है। डीपीआर बनने के बाद भी राज्य की तमाम सरकारों ने योजना को आगे बढ़ाने में दिलचस्पी नहीं दिखाई। फलस्वरूप यह महत्वाकांक्षी योजना अधर में लटकी हुई है। योजना का निर्माण न होने से लोहाघाट व आस-पास के क्षेत्रों की जनता पेयजल संकट से जूझ रही है।

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लोहाघाट नगर में पेयजल समस्या के समाधान के लिए आज से 14 वर्ष पूर्व रामेश्वर से आने वाली सरयू नदी से लिफ्ट पेयजल योजना का निर्माण किए जाने पर सहमति बनी थी। इसके लिए तत्कालीन विधायक महेंद्र सिंह माहरा के प्रयासों से जल निगम ने योजना का खाका तैयार किया था। तत्कालीन राज्य सरकार ने मामले में त्वरित कार्यवाही कर 47 करोड़ रुपये की डीपीआर केंद्र सरकार को भेज दी। सरकार बदली तो योजना का क्रियांवयन भी ठप पड़ गया। वर्ष 2012 में योजना की डीपीआर दुबारा केंद्र सरकार  को भेजी गई  लेकिन राजनैतिक इच्छा शक्ति का अभाव फिर आड़े आ गया।

सीएम त्रि‍वेंद्र रावत ने पि‍छले साल की घोषणा

एक वर्ष पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने योजना का निर्माण करने की घोषणा की थी लेकिन अब तक यह घोषणा भी हवा हवाई साबित हुई है। योजना का निर्माण न होने से लोहाघाट नगर एवं आस-पास केआधा दर्जन गांवों में पेयजल समस्या जस की तस बनी हुई है। क्षेत्र के जागरूक लोगों का कहना है कि जब तक लोहाघाट के लिए सरयू लिफ्ट योजना नही बनती है तब तक पेयजल संकट का स्थाई समाधान होना मुश्किल है। नगर पंचायत अध्यक्ष गोविंद वर्मा, एडवोकेट नवीन मुरारी, हितेश मुरारी, भैरव दत्त राय आदि ने बताया कि सरयू लिफ्ट योजना को लेकर नगर के लोगों को सिर्फ सब्जबाग दिखाए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि जल्द से जल्द योजना का निर्माण नहीं किया गया तो क्षेत्र की जनता सरकार के खिलाफ आंदोलन की रणनीति तैयार करेगी। उन्होंने बताया कि ऊंचाई वाले स्थान पर सप्लाई टैंक बनाकर योजना का लाभ बाराकोट विकास खंड को भी मिल सकता है। इधर पंचेश्वर बांध बन जाने के बाद रामेश्वर क्षेत्र के डूब क्षेत्र में आने से अब इस योजना का निर्माण भी खटाई में पड़ता दिख रहा है। हालांकि अभी पंचेश्वर बांध का भविष्य भी स्पष्ट नहीं हो पाया है।

सरयू लिफ्ट योजना के लिए राज्य सरकार गंभीर है। उन्होंने भी कई बार इस मुद्दे के सदन में उठाया है। नगर और आस-पास के ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल समस्या के समाधान के लिए सरयू योजना के  अलावा और कोई विकल्प नहीं है। हालांकि लोहाघाट झील बन जाने के बाद अच्छा विकल्प तैयार हो जाएगा। -पूरन सिंह फत्र्याल, विधायक लोहाघाट


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