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सहयोग से समाधान : एलआइसी में प्रबंधक की नौकरी छाेड़ विजय ने जमाया लुक्स सैलून का कारोबार

लुक्स सैलून के संचालक विजय प्रताप सिंह ईमानदारी और ग्राहकों की संतुष्टि से अपने कारोबार को आगे बढ़ा रहे हैं। मूलरूप से अयोध्या और हाल में नैनीताल रोड अंबिका विहार निवासी विजय सूचना तकनीक से बीटेक किए हैं। आज वह दूसरे कारोबारियों के लिए प्रेरणा हैं।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Mon, 26 Oct 2020 12:30 AM (IST)Updated: Mon, 26 Oct 2020 12:30 AM (IST)
सहयोग से समाधान : एलआइसी में प्रबंधक की नौकरी छाेड़ विजय ने जमाया लुक्स सैलून का कारोबार
लुक्स सैलून के संचालक विजय प्रताप सिंह ईमानदारी और ग्राहकों की संतुष्टि से अपने कारोबार को आगे बढ़ा रहे हैं।

हल्द्वानी, जेएनएन : व्यापार में सफलता के लिए अपने पेशे के प्रति ईमानदारी और ग्राहकों की संतुष्टि जरूरी है। अगर दोनों क्षेत्रों में ध्यान दिया जाए तो कारोबार को कामयाबी के शिखर तक ले जाने से कोई नहीं रोक सकता। लुक्स सैलून के संचालक विजय प्रताप सिंह ने इसी सूत्र पर चलते हुए अपने कारोबार को आगे बढ़ा रहे हैं। मूलरूप से अयोध्या और हाल में नैनीताल रोड अंबिका विहार निवासी विजय सूचना तकनीक से बीटेक किए हैं। आज वह दूसरे कारोबारियों के लिए प्रेरणा हैं। मेहनत, लगन और ग्राहकों की संतुष्टि से कारोबार में तरक्की हुई। लाकडाउन में दुकान पूरी तरह बंद रही। ऐसे मुश्किल समय में भी ग्राहकों से जुड़ाव बनाए रखा। अनलाक के बाद न केवल उनका कारोबार दोबारा शुरू हुआ बल्कि पहले से अधिक लोगों की पसंद बन गया।

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नौकरी छोड़कर खुद का काम किया शुरू

उत्तर प्रदेश के अयोध्या के रहने वाले विजय प्रताप एलआइसी में बतौर प्रबंधक कार्यरत थे। करीब छह साल काम करने के बाद 2014 में नौकरी छोड़ दी। इसके बाद इंश्योरेंस, म्युचुअल फंड आदि का काम शुरू किया। अप्रैल 2019 में वाकवे माल के चौथे फ्लोर पर लुक्स सैलून की शुरुआत की। विजय कहते हैं आज व्यक्ति बेहतर से बेहतर सुविधाएं चाहता है। कुमाऊं में एक अच्छे सैलून की कमी हमेशा खलती थी। यूनिसेक्स सैलून, दूल्हा-दूल्हन के ब्राइडल मेकअप के लिए ग्राहकों को दिल्ली और अन्य शहर जाने की जरूरत नहीं होती। नेल आर्ट की भी विस्तृत श्रृंखला उपलब्ध है। कोरोना काल में जब सैलून बंद थे, विजय ने तब नए काम की शुरुआत की। सैलून आने वाली महिलाओं को बच्चों का समय पास कराने के लिए कोई विकल्प नहीं होता था। ऐसे में बच्चों के लिए इंडोर गेम्स शुरू किए। जहां बच्चे खेलते हैं। आइए जानते हैं कि उन्होंने कोरोना काल में कारोबार को कैसे संभाला।

समाधान 1: बनाए रखा ग्राहकों से संपर्क

विजय ने कोरोना काल में भी अपने नियमित ग्राहकों से संपर्क बनाए रखा। समय-समय पर फोन काल कर उनके स्वास्थ्य और दिनचर्या के बारे में बात की। विजय कहते हैं कि शुरुआत में सभी लोग कोरोना को लेकर डरे हुए थे। ऐसे में एक-दूसरे का उत्साह बढ़ाने और खुद को सकारात्मक बनाए रखने के लिए बात करना बेहतर विकल्प था। विजय कहते हैं इससे उनके काम में असर दिखा। अनलाक के बाद जब सैलून दोबारा शुरू हुआ है तो उनके यहां ग्राहकों की संख्या 60 प्रतिशत तक बढ़ गई।

समाधान 2: ग्राहकों की संतुष्टि आई काम

ग्राहकों की संतुष्टि ही उनकी सबसे बड़ी कमाई है। हल्द्वानी के साथ ही आसपास के स्टेशनों से ग्राहक उनके यहां सैलून के लिए आते हैं। ग्राहकों की साफ-सफाई और सेफ्टी का ध्यान पहले से रखते आ रहे हैं। कोरोना काल के बाद उन्होंने दुकान के बाहर सैनिटाइजर रखा हुआ है। जिससे दुकान में आने-जाने वाले ग्राहक हाथ सैनिटाइज कर सकें। ग्राहकों और स्टाफ को कोरोना संक्रमण से बचाए रखने के लिए उन्होंने ये व्यवस्था कर रखी है।

समाधान 3 : डिजिटल लेनदेन को बढ़ावा

लाकडाउन के दौरान दुकान बंद रही। ऐसे में ग्राहकों पर ध्यान दिया गया। इससे ग्राहकों की संख्या में इजाफा हुआ। सुरक्षा के लिए साधनों बढ़ोतरी की गई। कोरोना की इस आपदा को उन्होंने अवसर बनाया। नवरात्र में कई शादियां हुई। नवंबर आखिरी सप्ताह से सहालग शुरू हो गए हैं। ग्राहकों की सुविधा के लिए हमने कई सुविधाएं की है। डिजिटिल पेमेंट को बढ़ावा दिया जा रहा है।

32 लोगों को दे रहे रोजगार

विजय प्रताप सिंह सैलून और बच्चों के लिए खोले इंडोर गेम्स से 32 लोगों को रोजगार दे रहे हैं। सैलून में काम करने वाले कारीगर प्रोफेशनल हैं। अधिकांश लोग दिल्ली के रहने वाले हैं। इंडोर गेम सेंटर बच्चों के खेल कराने वाले अधिकांश लोग स्थानीय है।


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