वाहनों के ओवरलोडिंग की जांच को होगी वीडियोग्राफी, पुलिस पर लगने वाले आरोपों पर लगेगी लगाम
वाहनों की जांच के दौरान अब पुलिस पर अवैध वसूली के आरोप नहीं लग पाएंगे। इस पर रोक लगाने के लिए यूएसनगर पुलिस महकमे ने पहल शुरू की है। इसके तहत खनन और ओवरलोडिंग वाहनों की जांच के दौरान पुलिस मोबाइल और वीडियो कैमरा से रिकार्डिंग करेगी।
जागरण संवाददाता, रुद्रपुर : ओवरलोडिंग और खनन में लिप्त वाहनों की जांच के दौरान अब पुलिस पर अवैध वसूली के आरोप नहीं लग पाएंगे। इस पर रोक लगाने के लिए यूएसनगर पुलिस महकमे ने पहल शुरू की है। इसके तहत खनन और ओवरलोडिंग वाहनों की जांच के दौरान पुलिस मोबाइल और वीडियो कैमरा से रिकार्डिंग करेगी। इसके लिए जल्द ही थाना पुलिस को वीडियो कैमरे उपलब्ध कराए जाएंगे।
ऊधमसिंहनगर के काशीपुर, बाजपुर, किच्छा, सितारगंज से निकलने वाली नदियों में खनन के पटटे आवंटित किए जाते हैं। जिससे हर साल राज्य सरकार को राजस्व तो मिलता ही है, साथ ही स्थानीय लोगों के साथ ही बाहरी प्रदेश के मजदूरों को रोजगार भी मिलता है। लेकिन खनन में होने वाली मोटी कमाई के लिए खनन माफिया अवैध खनन और वाहनों में ओवरलोडिंग का खेल खेेल रहे हैं।
हालांकि, पुलिस अवैध खनन से जुड़े वाहन और माफिया पर कार्रवाई करती है तो उन पर अवैध वसूली के आरोप लग जाते हैं। पुलिस पर लगने वाले इन आरोपों से बचने के लिए एसएसपी यूएसनगर दलीप सिंह कुंवर ने खनन और ओवरलोडिंग वाहनों की जांच के दौरान वीडियोग्राफी कराए जाने की पहल की है। निर्देश है कि वाहनों की जांच के दौरान एक-दो पुलिस कर्मी मौके पर मोबाइल कैमरे या फिर वीडियो कैमरे से रिकार्डिंग करेंगे। ताकि पुलिस पर लगने वाले आरोपों से बचा जा सके।
एसएसपी दलीप सिंह कुंवर ने बताया कि अवैध खनन और ओवरलोडिंग की जांच के दौरान पुलिस पर अवैध वसूली के आरोप लगते हैं। पुलिस को अब जांच के दौरान मोबाइल कैमरे और वीडियो कैमरे से रिकार्डिंग के निर्देश दिए गए हैं, इसके लिए जल्द ही थानों को वीडियो कैमरे उपलब्ध कराए जाएंगे।