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उत्तराखंड पहुंचा एलएसडी वायरस से बचाव का टीका, आइबीआरआइ बरेली ने दिए दो हजार टीके

भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान (आइबीआरआइ) बरेली ने काशीपुर पशु चिकित्सा विभाग को दो हजार टीके दिए हैं। हालांकि अधिकारियों का कहना है कि यह अभी ट्रायल के तौर पर लगाया जाएगा। उसके बाद विभाग के निर्देशानुसार टीकाकरण कार्य बढ़ाया जाएगा।

By Prashant MishraEdited By: Published: Sun, 10 Oct 2021 01:04 PM (IST)Updated: Sun, 10 Oct 2021 01:04 PM (IST)
पशु चिकित्सा विभाग द्वारा दशहरा के बाद टीकाकरण कार्य शुरू किया जाएगा।

जागरण संवाददाता, काशीपुर : एलएसडी वायरस से बचाव को लेकर काशीपुर में पालतू पशुओं का जल्द ही टीकाकरण किया जाएगा। पशु चिकित्सा विभाग द्वारा दशहरा के बाद टीकाकरण कार्य शुरू किया जाएगा। जिसे लेकर विभाग ने सभी प्रकार की जरूरी तैयारी कर ली है। इसमें करीब दो हजार पशुओं को एलएसडी से बचाव को टीकाकरण करने का लक्ष्य रखा गया है। इसके लिए भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान (आइबीआरआइ) बरेली ने काशीपुर पशु चिकित्सा विभाग को दो हजार टीके दिए हैं। हालांकि, अधिकारियों का कहना है कि यह अभी ट्रायल के तौर पर लगाया जाएगा। उसके बाद विभाग के निर्देशानुसार टीकाकरण कार्य बढ़ाया जाएगा। बताया जा रहा है कि पशु चिकित्सा विभाग की ओर से मवेशियों को यह टीका निश्शुल्क लगाया जाएगा। 

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बता दें भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान (आइबीआरआइ) बरेली ने पिछले दिनों काशीपुर के एक डेयरी फॉर्म के करीब 41 गायों में एलएसडी वायरस होने की पुष्टि की थी। जिस पर दैनिक जागरण ने प्रमुखता से खबर प्रकाशित की थी। उस समय इस वायरस से बचाव के लिए टीका नहीं बना था। क्योंकि, यह नया वायरस है। उस दौरान पशुपालकों को विशेष नियमों का पालन करने के लिए हिदायत दी गई थी। उसके बाद आइबीआरआइ के वैज्ञानिकों द्वारा रिसर्च कर एलएसडी वायरस से पशुओं को बचाने के लिया टीका तैयार किया गया है।
इधर पशु चिकित्सा विभाग द्वारा मौजूदा समय में लगभग दो हजार पशुओं के टीकाकरण की तैयारी की गई है। टीका लगाए जाने वाले पशुओं का रिकॉर्ड आइबीआरआइ को दिया जाएगा। जिसके आधार पर बाद में  इन पशुओं की जांच की जाएगी कि ट्रायल के तौर पर लगाए गए टीका का असर क्या रहा।
 
एलएसडी वायरस से बचाव को लेकर पशुओं को टीका लगाया जाएगा। पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान (आइबीआरआइ) बरेली द्वारा विभाग को एलएसडी के दो हजार टीके उपलब्ध कराए गए हैं। सभी प्रकार की तैयारी कर दशहरे के बाद गाय और भैसों को यह टीके लगाए जाएंगे। उन इलाके पर च्यादा ध्यान दिया जाएगा जहां पर एलएसडी संक्रमण के पशुओं की पुष्टि है। इसके साथ ही पशुपालकों को हिदायत दी जा रही है कि वह पशुओं पर विशेष ध्यान रखें। 

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