फास्टैग रिचार्ज नहीं होने के कारण उत्तराखंड रोडवेज ने चुकाए दोगुने पैसे
फास्टैग रिचार्ज नहीं होने के कारण उत्तराखंड परिवहन निगम की बसों को बुधवार शाम से देर रात तक रास्ते में पड़ने वाले टोल बैरियर पर दोगुना चार्ज देकर पास होना पड़ा। मुख्यालय स्तर से हुई चूक की वजह से फास्टैग रिचार्ज नहीं हो सके।
हल्द्वानी, जागरण संवाददाता : फास्टैग रिचार्ज नहीं होने के कारण उत्तराखंड परिवहन निगम की बसों को बुधवार शाम से देर रात तक रास्ते में पड़ने वाले टोल बैरियर पर दोगुना चार्ज देकर पास होना पड़ा। मुख्यालय स्तर से हुई चूक की वजह से फास्टैग रिचार्ज नहीं हो सके। जिस वजह से यह दिक्कत आई। वहीं, अफसरों का कहना है कि ऑनलाइन तरीके से रिचार्ज किया जाता है। संभावना है कि तकनीकी दिक्कत के कारण कंपनी के खाते में पैसे नहीं डल पाए होंगे। फिलहाल मामले की जांच की जा रही है।
नेशनल हाईवे पर स्थित टोल बैरियर पर अब फास्टैग सिस्टम लागू हो चुका है। बसों में टैग लगाकर इसकी पहचान होती है। हालांकि इसे हर महीने रिचार्ज करना पड़ता है। वरना टोल पर पडऩे वाले चार्ज की डबल रकम चुकानी पड़ती है। निगम के मुताबिक बुधवार शाम सात बजे से रात 12 बजे तक रोडवेज बसों के फास्टैग सिस्टम ने काम करना बंद कर दिया। जिस वजह से दिल्ली समेत अन्य मार्गों पर स्थित टोल बैरियर पर चालक ने दोगुने पैसे जमा कर आगे की राह पकड़ी। दिल्ली मार्ग पर ज्यादा टोल होने और अहम रूट होने की वजह से दिक्कत ज्यादा आई।
दिल्ली मार्ग डबल चार्ज
- बिलासपुर में 90 की बजाय 180
- रामपुर में 405 की बजाय 810
- जोया में 130 की बजाय 260
- गढ़ में 195 की बजाय 390
- पिलखुआ में 440 की बजाय 880
रिकवरी की मांग
इस लापरवाही को लेकर रोडवेज कर्मचारी संगठन भी आक्रोशित हैं। उनका कहना है कि छोटी-छोटी गलतियों पर चालक-परिचालक के वेतन से पैसे काटने के साथ उनका ट्रांसफर तक कर दिया जाता है। मगर मुख्यालय में बैठे अफसरों की वजह से इतनी बड़ी चूक होने पर कोई एक्शन नहीं लिया गया। डबल चार्ज की रिकवरी वेतन से होनी चाहिए। आरएम संचालन यशपाल सिंह ने बताया कि बुधवार को रिचार्ज खत्म होने की वजह से रास्ते में डबल चार्ज देना पड़ा। यह व्यवस्था मुख्यालय स्तर से की जाती है। इसलिए जांच भी उनके द्वारा की जा रही है।
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