उत्तराखंड मदरसा शिक्षकों के मानदेय मामले में नैनीताल हाईकोर्ट ने सुनाया ये आदेश
Uttarakhand Madrassa Teacher salary matter उत्तराखंड के मदरसों में छह सौ से अधिक शिक्षक कार्यरत हैं। शिक्षकों की याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए नैनीताल हाईकोर्ट ने केन्द्र और राज्य सरकार को छह सपताह के भीतर मानदेश भुगतान के निर्देश दिए हैं।
नैनीताल, जागरण संवाददाता : हाईकोर्ट ने राज्य के मदरसों में निश्चित मानदेय पर कार्यरत 600 से अधिक शिक्षकों के मानदेय का भुगतान छह हफ्ते के भीतर करने के निर्देश राज्य व केंद्र सरकार को दिए हैं। राज्य के मदरसों में कार्यरत 616 शिक्षकों ने हाई कोर्ट में 18 अलग अलग याचिकाएं दायर कर कहा था कि स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग मानव संसाधन विकास मंत्रालय भारत सरकार ने मदरसों में शिक्षा के सुधार के लिये योजना चलाईं। इन मदरसों में प्रशिक्षित शिक्षक निश्चित मानदेय पर रखे गए, लेकिन इन शिक्षकों के मानदेय व अन्य देयकों का भुगतान नहीं हुआ ।
इस मामले में राज्य सरकार के अनुरोध पर विद्यालयी शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के संयुक्त सचिव भारत सरकार की अध्यक्षता में 25 अक्टूबर 2019 को हुई बैठक में उत्तराखण्ड के मदरसा शिक्षकों के वेतन व अन्य खर्चों का भुगतान करने हेतु बजट स्वीकृत किया गया लेकिन इस प्रस्ताव के बाद भी मदरसा शिक्षकों के मानदेय का भुगतान नहीं हुआ। जिसे इनके द्वारा हाई कोर्ट में चुनौती दी गयी।
जिनकी अंतिम सुनवाई 22 दिसम्बर 2021 को न्यायमूर्ति शरद कुमार शर्मा की एकलपीठ में हुई। कोर्ट ने मामलों को सुनने के बाद राज्य व केंद्र सरकार से 25 अक्टूबर 2019 की बैठक में पारित निर्णय के आधार पर छह हफ्ते के भीतर मदरसा शिक्षकों के मानदेय व अन्य खर्चों का भुगतान करने को कहा है । कोर्ट ने मामलों को सुनने के बाद सभी याचिकाओं निस्तारित कर दी है।