uttarakhand highcourt का निर्देश-आयुर्वेदिक मेडिकल छात्रों को बैक पेपर परीक्षा में बैठने दिया जाए
हाई कोर्ट ने निजी आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेजों को छात्रों से वसूली गई बढ़ी हुई फीस लौटाने व उन्हें बेक परीक्षा में बैठने की अनुमति दिए जाने के सख्त निर्देश दिए हैं।
नैनीताल, जेएनएन : uttarakhand highcourt हाई कोर्ट ने Private Ayurvedic Medical Colleges निजी आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेजों को छात्रों से वसूली गई बढ़ी हुई फीस लौटाने व उन्हें बैक परीक्षा में बैठने की अनुमति दिए जाने के सख्त निर्देश दिए हैं। साथ ही साफ किया है कि यदि छात्रों को परीक्षा में बैठने नहीं दिया गया तो संबंधित कॉलेज अथॉरिटी को व्यक्तिगत रूप से कोर्ट में पेश होना होगा। अगली सुनवाई 30 सितंबर नियत की गई है।
दरअसल Private Ayurvedic Medical Colleges आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेजों के शुल्क 80 हजार से बढ़ाकर सवा दो लाख करने के 15 अक्टूबर 2015 के शासनादेश के हाई कोर्ट ने रद कर दिया था। साथ ही कोर्ट ने वसूल की गई बढ़ी हुई फीस दो सप्ताह में छात्रों को लौटाने के निर्देश दिए। इस आदेश के खिलाफ Private Ayurvedic Medical Colleges आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेजों की यूनियन द्वारा विशेष अपील दायर कर चुनौती दी तो कोर्ट ने एकलपीठ का आदेश बरकरार रखते हुए विशेष अपील खारिज कर दी। इसके बाद भी कॉलेजों द्वारा फीस नहीं लौटाई तो आयुर्वेदिक कॉलेज के मनीष कुमार द्वारा अवमानना याचिका दायर की गई। न्यायाधीश न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी की एकलपीठ के समक्ष सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के अधिवक्ता द्वारा बताया गया कि कॉलेजों द्वारा न तो छात्रों को बढ़ी हुई फीस लौटाई गई। न ही उन्हें कक्षाओं में बैठने दिया जा रहा है। उन्हें बैक पेपर के लिए आवेदन तक नहीं करने दिया जा रहा है, जिसकी अंतिम तिथि 25 सितंबर है। एकलपीठ ने सख्त आदेश देते हुए छात्रों को बैक पेपर परीक्षा में बैठने की अनुमति देने का सख्त आदेश पारित किया है। साथ ही कहा कि है कि जो कॉलेज छात्रों को नहीं बैठने देंगे, उनकी अॅथॉरिटी को व्यक्तिगत रूप से कोर्ट में पेश होना होगा।
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