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शिवालिक एलिफेंट रिजर्व मामले में हाईकोर्ट के आदेश से सरकार बैकफुट पर

हाईकोर्ट के फैसलों से सरकार सहमी होने के साथ बैकफुट पर आ गई है। जिस तरह कोर्ट ने राज्य वन्य जीव बोर्ड के शिवालिक एलिफेंट रिजर्व को समाप्त करने के आदेश फिर इसको लेकर जारी सरकारी राजाज्ञा पर रोक लगा दी उससे खलबली है।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Wed, 13 Jan 2021 07:15 AM (IST)Updated: Wed, 13 Jan 2021 07:15 AM (IST)
शिवालिक एलिफेंट रिजर्व मामले में हाईकोर्ट के आदेश से सरकार बैकफुट पर
शिवालिक एलिफेंट रिजर्व मामले में हाईकोर्ट के आदेश से सरकार बैकफुट पर

नैनीताल, जागरण संवाददाता : हाईकोर्ट के फैसलों से सरकार सहमी होने के साथ बैकफुट पर आ गई है। जिस तरह कोर्ट ने राज्य वन्य जीव बोर्ड के शिवालिक एलिफेंट रिजर्व को समाप्त करने के आदेश, फिर इसको लेकर जारी सरकारी राजाज्ञा पर रोक लगा दी, उससे खलबली है। इस संकट से पार पाने का तरीका तलाशा जा रहा है। ऐसी भी संभावना है कि सरकार सुप्रीम कोर्ट भी जा सकती है । 

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दरअसल जौलीग्रांट एयरपोर्ट विस्तार का मामला खासा संवेदनशील है। सामरिक रूप से भी इस विस्तार को जरूरी सरकार मान रही है, इसी वजह से मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में बने वन्यजीव बोर्ड की बैठक में इतना बड़ा निर्णय लिया गया और विवाद ना हो, इसके लिए एक माह बाद निर्णय को सार्वजनिक किया गया। मगर 80 से अधिक पर्यावरणविदों ने हाईकोर्ट को पत्र भेज दिया। जिसका कोर्ट ने संज्ञान ले लिया। 

अब सरकार का खासकर भारत सरकार का मामले में रुख क्या रहता है, यह देखने योग्य होगा। हाईकोर्ट ने दस हेक्टेयर से भी कम क्षेत्रफल के वनों को वन की परिभाषा के दायरे से बाहर करने के आदेश पर रोक लगाई तो सरकार को आदेश रद करना पड़ा। अब पांच हेक्टेयर से भी कम क्षेत्रफल के वनों को वन की परिभाषा से बाहर करने के आदेश के खिलाफ भी हाईकोर्ट में मामला विचाराधीन है।


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