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Uttarakhand Forest Fire: धधकते वन को बचाने उतरी वायु सेना, नैनीताल में बेकाबू आग पर दो हेलीकॉप्टर से पानी की बौछार; सभी झीलों में बोटिंग रुकी

Uttarakhand Forest Fire सेना के हेलीकॉप्टरों से पानी भरकर अब जंगलों की आग पर नियंत्रण करने के प्रयास किये जा रहे हैं। सुबह करीब 630 बजे सेना के हेलीकॉप्टरों ने रेकी भी शुरू कर दी। कई चक्कर लगाने के बाद 730 बजे सेना का पहला हेलीकॉप्टर भीमताल झील के ऊपर पहुंचा। फिलहाल दो हेलीकॉप्टर झील से पानी लेकर जंगलो की आग पर नियंत्रण में जुटे हुए हैं।

By Jagran News Edited By: Nirmala Bohra Published: Sat, 27 Apr 2024 08:54 AM (IST)Updated: Sat, 27 Apr 2024 12:55 PM (IST)
Uttarakhand Forest Fire: सेना को ही वनाग्नि रोकथाम का मोर्चा संभालना पड़ा।

संवाद सहयोगी, जागरण, नैनीताल: Uttarakhand Forest Fire: उत्तराखंड के जंगलों में बेकाबू हो चुकी आग को बुझाने के लिए वायु सेना ने मोर्चा संभाला है। नैनीताल के लड़ियाकांटा में लगी आग एयर फोर्स स्टेशन की तरफ बढ़ रही थी। वन विभाग व सेना के प्रयास के बाद भी जब स्थिति नहीं संभली तो वायु सेना को खुद ही हेलीकाप्टर उतारने पड़े।

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आग बुझाने के लिए सुबह सात बजे से दोनों हेलीकाप्टर ने भीमताल झील से पानी लिफ्ट किया और फिर जंगल में बौछार की गई। पानी की जरूरत को देख प्रशासन ने नैनीताल की सभी झीलों में नौकायन बंद करवा दिया।

करीब दो घंटे की मशक्कत के बाद बाद आग की लपटों को बुझाया जा सका। अभी केवल लड़ियाकांटा की आग हेलीकाप्टर की मदद से बुझाई गई है। प्रशासन के अनुसार कुमाऊं के अन्य जंगलों में भी स्थिति बिगड़ने पर वायु सेना की मदद ली जा सकती है।

जंगलों की आग नियंत्रण से बाहर

2016 में भी उत्तराखंड में जंगलों की आग नियंत्रण से बाहर हो गई थी। तब वायु सेना की ही मदद ली गई थी। शुक्रवार को नैनीताल में गेठिया के जंगल आग की चपेट में आ गए थे। लपटें इतनी भयानक थी कि वन विभाग के नियंत्रण के सारे प्रयास विफल हो गए। इसके ठीक ऊपर लड़ियाकांटा की पहाड़ी है, जहां वायु सेना का स्टेशन है। शाम को ही दो हेलीकाप्टर यहां पहुंच गए थे।

प्रशासन ने पानी की आवश्यकता पूरी करने के लिए नैनीताल, भीमताल, सातलाल और नौकुचियाताल झील में नौकायन बंद कराने का आदेश जारी किया। नैनी झील और भीमताल में हेलीकाप्टर से रेकी की गई, मगर अंधेरा हो जाने के कारण किसी भी झील से पानी लिफ्ट नहीं किया जा सका।

शनिवार सुबह 6:30 बजे दोनों हेलीकाप्टर ने फिर से रेकी की। 7:30 बजे भीमताल झील से पानी लिफ्ट करना शुरू किया गया। बकेट में पानी भर इन हेलीकाप्टर ने जंगल में बौछार शुरू की। आखिर साढ़े 9 बजे आग बुझाने में सफलता मिल गई। आग की वजह से आसपास के बड़े हिस्से में धुंध फैल गई है।


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