अल्मोड़ा सीट पर 15 साल बाद फिर भाजपा और कांग्रेस के परंपरागत प्रतिद्वंदी होंगे आमने-सामने
अल्मोड़ा विधानसभा में सभी दलों ने प्रत्याशियों की घोषणा कर दी है। राज्य बनने के बाद हुए चार विधानसभा चुनावों में दो बार कांग्रेस तो दो बार भाजपा का प्रत्याशी विजयी रहा। इस बार कांग्रेस ने मनोज तिवारी भाजपा ने कैलाश शर्मा टिकट दिया है।
जागरण संवाददाता, अल्मोड़ा : 15 साल बाद फिर एक बार चुनावों में भाजपा और कांग्रेस के परंपरागत प्रतिद्वंदी आमने सामने होंगे। इन दोनों प्रत्याशियों की आखिरी चुनावी जंग 2007 में हुई थी। आप, उक्रांद के चुनावी मैदान में मजबूती से ताल ठोंकने से इस बार मुकाबला रोचक हो गया है। अल्मोड़ा विधानसभा में सभी दलों ने अपने-अपने प्रत्याशियों की घोषणा कर दी है। राज्य बनने के बाद हुए चार विधानसभा चुनावों में दो बार कांग्रेस तो दो बार भाजपा का प्रत्याशी विजयी रहा।
इस बार कांग्रेस ने मनोज तिवारी, भाजपा ने कैलाश शर्मा, आप ने अमित जोशी, उक्रांद ने भानु जोशी को टिकट दिया है। चुनावों की खास बात यह कि भाजपा-कांग्रेस के परंपरागत प्रतिद्वंदी 15 साल बाद फिर आमने-सामने होंगे। वर्ष 2002 के विधानसभा चुनाव में भाजपा के कैलाश शर्मा और कांग्रेस के प्रत्याशी मनोज तिवारी के बीच प्रमुख मुकाबला था। जिसमें कैलाश शर्मा 10224 मत और मनोज तिवारी को 8260 मत मिले। शर्मा 1964 मतों से विजयी रही। 2007 के विधानसभा चुनाव में भी दोनाें प्रमुख दलों ने चेहरा नहीं बदला। इस चुनाव में मनोज तिवारी ने कैलाश शर्मा को पटखनी दी। मनोज को 22223 मत और कैलाश को 19243 मत मिले।
2012 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने कैलाश शर्मा का टिकट काट दिया। उनकी जगह पर रघुनाथ सिंह चौहान का टिकट दिया गया। जिससे पार्टी में बगावत हो गई। कैलाश शर्मा निर्दलीय चुनाव मैदान में उतर गए। बगावत का फायदा कांग्रेस को मिला। कैलाश शर्मा 6582 मत लाए। जबकि पार्टी 1191 मतों से चुनाव हार गई। कांग्रेस के मनाेज तिवारी चुनाव जीत गए।
वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में फिर एक बार भाजपा ने रघुनाथ सिंह चौहान को टिकट दिया। इस बार पार्टी ने कैलाश शर्मा को मना लिया। जिसका फायदा भी हुआ। अल्मोड़ा विधानसभा में भाजपा के रघुनाथ सिंह चौहान विजयी रहे। इस बार पार्टी ने रघुनाथ सिंह चौहान का टिकट काट कैलाश शर्मा पर दाव खेला है। जबकि कांग्रेस ने मनोज तिवारी को ही पांचवी बार टिकट दिया है।