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Uttarakhand Election 2022: अल्मोड़ा में कांग्रेस ने फिर पुराने चेहरों पर ही खेला दाव

Uttarakhand Election 2022 कांग्रेस ने अल्मोड़ा जिले की पांच विधानसभाओं में पुराने चेहरों को ही मैदान में उतारा है। इन क्षत्रपों के सामने अपने किलों को बचाना बड़ी चुनौती होगी। यहां से कांग्रेस ने किसी नए चेहरे पर भरोसा नहीं जताया है।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Sun, 23 Jan 2022 12:01 PM (IST)Updated: Sun, 23 Jan 2022 12:01 PM (IST)
Uttarakhand Election 2022: अल्मोड़ा में कांग्रेस ने फिर पुराने चेहरों पर ही खेला दाव
Uttarakhand Election 2022: कांग्रेस ने फिर अल्मोड़ा जिले की पांच विधानसभा सीटों पर पुराने चेहरों पर ही दाव लगाया है।

जागरण संवाददाता, अल्मोड़ा : कांग्रेस ने इस बार फिर जिले की पांच विधानसभा सीटों पर पुराने चेहरों पर ही दाव लगाया है। केवल एक विधानसभा सीट सल्ट शेष है। जहां पर अभी टिकट फाइनल नहीं किया गया है। पुराने क्षत्रपों के लिए इस बार अपनी सीट बचाना चुनौतीपूर्ण रहेगा।

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कांग्रेस ने जागेश्वर विधानसभा से फिर एक बार गोविंद सिंह कुंजवाल को टिकट दिया है। जिले की एकमात्र जागेश्वर विधानसभा सीट ही एेसी है जो राज्य बनने के बाद से अभी तक अभेद रही है। मोदी लहर में भी कुंजवाल इस सीट को बचाने में सफल रहे थे। वह मात्र 399 मताें से जीतने में कामयाब रहे थे। इस बार फिर से उन्हें अपनी सीट बचाना किसी चुनौती से कम नहीं है।

कुंजवाल ने 1993 में विधानसभा चुनाव लड़ा और जीते। 1996 में वह रघुनाथ सिंह चौहान से चुनाव हारे थे। मोदी लहर में कांग्रेस ने दूसरी सीट रानीखेत विधानसभा की जीती थी। इस सीट पर करन माहरा ने भाजपा के दिग्गज अजय भट्ट को हराया था। मोदी लहर में सीट जीतने का इनाम करन माहरा को मिला। इसलिए पार्टी ने उन पर भरोसा जताया है। वह इस सीट पर तीन बार पहले भी विधानसभा चुनाव लड़ चुके है। यह उनका चौथा चुनाव है।

अल्मोड़ा विधानसभा में राज्य बनने के बाद से विधानसभा चुनावों में अन्य दलों ने अपना चेहरा बदला। लेकिन कांग्रेस ने एक चेहरे पर ही दाव लगाया वह है मनोज तिवारी। मनोज 2002 और 2017 में इस सीट से विधानसभा चुनाव हार चुके है। लेकिन इसका पार्टी को कोई फर्क नही पड़ा। इस बार उनके लिए इस सीट पर दोहरी चुनौती है। द्वाराहाट विधानसभा सीट पर 2007 से मदन बिष्ट चुनाव लड़ रहे है। 2007 में उन्हें निर्दलीय चुनाव लड़ राजनीति में अपनी दमाकेदार इंट्री की। उसके बाद 2012 में कांग्रेस ने उन पर भरोसा जताया और वह उस पर खरे उतरे। वह चुनाव जीत गए। वर्ष 2017 माेदी लहर में मदन बिष्ट भाजपा के महेश नेगी से चुनाव हार गए।

जिले की एकमात्र आरक्षित साेमेश्वर विधानसभा से इस बार फिर राजेंद्र बाराकोटी पर दाव लगाया है। वह मोदी लहर में भाजपा की रेखा आर्या से 710 मतों से पराजित हुए। मोदी लहर में कम वोटों से हारने का ईनाम उन्हें दिया गया। 2009 में प्रदीप टम्टा के लोकसभा सदस्य बनने के बाद सोमेश्वर िविधानसभा सीट खाली हो गई थी। इसलिए पार्टी ने 2012 में राजेंद्र बाराकोटी को टिकट दिया। तब वह तीसरे नंबर पर रहे थे। 2017 में भी कांग्रेस के टिकट पर बाराकोटी चुनाव लड़े थे। यह उनका तीसरा विधानसभा चुनाव है।


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