बगावत और भितरघात थामने की रणनीति में भाजपा, नामांकन के बाद राष्ट्रीय नेता संभालेंगे मोर्चा
Uttarakhand Election 2022 टिकट घोषित होने के बाद दोनों ही पार्टियों में बगावत और भीतरघात की आशंकाएं प्रबल हो गई हैं। इसे रोकने के लिए भाजपा नामांकन प्रक्रिया पूरी होने तक वेट एंड वेच की स्थिति में है।
जागरण संवाददाता, हल्द्वानी : लंबे समय तक प्रत्याशी चयन करने में हिचक रहे दल अब फिर सहम गए हैं। टिकट तय करते ही तमाम विधानसभा क्षेत्रों में दावेदारों ने या तो खुलकर बगावत शुरू कर दी है या फिर भीतरघात की तैयारी। फिलहाल ऐसा दोनों दलों भाजपा-कांग्रेस में नजर आ रहा है। इसके लिए भाजपा नामांकन प्रक्रिया पूरी होने तक वेट एंड वेच की स्थिति में है। हालांकि माहौल को अपने पक्ष में करने, बगावत व भीतरघात को थामने के लिए अंदरूनी स्तर पर रणनीति भी बनाई जाने लगी है।
भाजपा ने 20 जनवरी को 70 विधानसभा सीटों में से 59 प्रत्याशियों के नाम की घोषणा की थी। इसमें कुमाऊं की 29 सीटें में से 24 प्रत्याशी तय हुए हैं। जैसे ही नाम की घोषणा हुई। प्रत्याशी बनने का ख्वाब संजो रहे तमाम दावेदार टिकट न मिलने पर भड़क गए। भीमताल, नैनीताल, कपकोट, धारचूला, द्वाराहाट, नानकमत्ता व काशीपुर में बगावत की स्थिति बनी हुई है। इसके अलावा रामनगर समेत कुछ अन्य सीटों पर पर जिस तरीके से विरोध के सुर उभर रहे हैं, ऐसे में भीतरघात की आशंका से इन्कार नहीं किया जा सकता है।
अब समय कम है। पार्टी नामांकन तक विरोध करने वालों पर नजर बनाए हुए है। साथ ही बगावत व भीतरघात को थामने के लिए अंदरूनी रणनीति भी तैयार होने लगी है। पार्टी सूत्रों के अनुसार इसके लिए राष्ट्रीय स्तर के कुछ नेताओं के साथ ही प्रदेश स्तर के वरिष्ठ नेताओं को शामिल किया जाएगा। यह टीम संबंधित विधानसभा क्षेत्रों में भ्रमण कर बागी तेवरों को शांत करने का प्रयास करेंगी। पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता प्रकाश रावत का कहना है कि पार्टी में सबकुछ ठीक चल रहा है। जहां भी किसी तरह की नाराजगी होगी। उसे दूर कर लिया जाएगा। यह सब नामांकन प्रक्रिया पूरी होने के बाद होगा।