काशीपुर में भाजपा के असंतुष्ट नेताओं ने बैठक कर त्रिलोक चीमा की उम्मीदवारी का किया विरोध, इन दो नामों को बढ़ाया आगे
काशीपुर में विधायक हरभजन सिंह चीमा के बेटे त्रिलोक सिंह चीमा का टिकट फाइनल होने के बाद पार्टी में आंतरिक विरोध शुरू हो गया था। शुक्रवार को मेयर ऊषा चौधरी द्वारा नामांकन पत्र खरीद कर पार्टी के निर्णय पर असंतुष्टता जाहिर कर दी गई थी।
जागरण संवाददाता, काशीपुर: काशीपुर विधानसभा सीट पर भाजपा से त्रिलोक चीमा का टिकट फाइनल होने के बाद भाजपा के भीतर विरोध शुरू हो गया। बाजपुर रोड स्थित एक होटल में असंतुष्ट भाजपा नेताओं की काफी देर तक बैठक चली। बैठक के बाद काशीपुर के विधानसभा के नेताओं ने पार्टी में टिकट के निर्णय के खिलाफ सामूहिक इस्तीफे की पेशकश की। वहीं तकरीबन चार घंटे से ज्यादा तक चली मैराथन बैठक के बाद मेयर ऊषा चौधरी और राम मल्होत्रा का नाम आगे कर दिया गया। इन दोनों नेताओं ने संयुक्त रूप से कहा कि दोनों नेताओं में से एक आगे चुनाव लड़ेगा यह पार्टी के कार्यकर्ताओं की मांग है। बैठक में काशीपुर विधानसभा के सभी कार्यकर्ताओं ने त्रिलोक सिंह चीमा की उम्मीदवारी का विरोध करते हुए प्रत्याशी बदलने की मांग की और किसी भाजपा कार्यकर्ता को टिकट देने की मांग की।
काशीपुर में विधायक हरभजन सिंह चीमा के बेटे त्रिलोक सिंह चीमा का टिकट फाइनल होने के बाद पार्टी में आंतरिक विरोध शुरू हो गया था। शुक्रवार को मेयर ऊषा चौधरी द्वारा नामांकन पत्र खरीद कर पार्टी के निर्णय पर असंतुष्टता जाहिर कर दी गई थी। मामले को लेकर शनिवार को बाजपुर रोड स्थित एक बैठक में पार्टी की तरफ से कई बड़े पदाधिकारी शामिल हुए। जिसमें मेयर ऊषा चौधरी, प्रदेश महामंत्री आशीष गुप्ता, प्रदेश कॉपरेटिव चैयरमैन राम मल्होत्रा, पार्टी उपाध्यक्ष खिलेन्द्र चौधरी जैसे बड़े नाम शामिल रहे। इसमें एक समय विधायक हरभजन सिंह चीमा के खास रहे गुरविंदर सिंह चंडोक का नाम रहा। इसमें पार्टी की तरफ से सैकड़ों कार्यकर्ता भी मौजूद रहे। इस दौरान एक खुली बैठक की गई जिसमें सभी पदाधिकारियों को राय देने का मौका दिया गया।
बैठक में सभी ने एक स्वर से पार्टी के टिकट पर सवाल खड़ा करते हुए सामुहिक इस्तीफे की पेशकश की। जिसके बाद एक बंद कमरे में पार्टी की तरफ से पूर्व के पांच दावेदार के साथ उम्मीदवार के नाम पर चर्चा की गई। बैठक से निकलने के बाद अपने कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए राम मल्होत्रा व ऊषा चौधरी ने कहा कि हम दोनों में से एक इस चुनाव लड़ने के लिए तैयार हैं अगले दो दिन में निर्णय हो जाएगा कि कौन चुनाव लड़ेगा। इस दौरान मेयर ऊषा चौधरी ने कहा कि न मैं पहले भी झुकी थी न कभी झूकूंगी। मैं जो निर्णय ले लेती हूं उस पर काबिज हूं। इसके तय किया गया कि अगले दो दिन में इन दो नामों में किसी एक नाम पर सहमती बनाकर हम निर्णय लें लेगी कि चुनाव मैं कौन जाएगा।
क्या कहती हैं मेयर और विधायक
मेयर ऊषा चौधरी का कहना है कि पार्टी के तरफ से जो उम्मीदवार घोषित किए गए हैं उनको लेकर स्थानीय स्तर पार्टी से जुड़े कार्यकर्ता और पदाधिकारी संतुष्ठ नहीं हैं, हमारा मकसद पार्टी तक कार्यकर्ताओं की सोच पहुंचानी थी अगले दो दिन में आगे किसी निर्णय पर कदम उठाया जाएगा। वहीं विधायक हरभजन सिह चीमा का कहना है कि मैंने बेटे त्रिलोक सिंह चीमा नाम पर काशीपुर से विधायक के लिए टिकट मांगा गया था, सौभाग्यवश बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व की तरफ से टिकट देने का निर्णय लिया गया। उत्तराखंड में तराई क्षेत्र सिख बाहुल्य क्षेत्र है इसलिए पार्टी ने विचार कर मेरे पुत्र का टिकट फाइनल किया। वहीं इस टिकट की दौड़ में कुछ साथी पीछे रह गए वे आज क्षुब्ध हैं और पार्टी पर अनदेखी का आरोप लगा रहे हैं, रोष जहां भी है कुछ दिनों में ठीक हो जाएगा हम साथ सद्भभावना पूर्वक चुनाव लड़ेंगे और त्रिलोक को विजयी बनाएंगे।