उत्तराखण्ड चुनाव 2022 : उत्तराखंड में कई सीटों पर हुई बगावत के बाद जानिए अब क्या करेगी कांग्रेस
उत्तराखण्ड विधानसभा चुनाव 2022 उत्तराखंड में कांग्रेस प्रत्याशियों की दूसरी सूची जारी होने के बाद से कई सीटों पर बगावत देखने को मिल रही है। रामनगर लालकुआं और कालाढूंगी सीट पर कांग्रेस नेता मुखर हो गए हैं। ऐसे में पार्टी के सामने बड़ा संकट खड़ा हो गया है।
जागरण संवाददाता, हल्द्वानी : उत्तराखंड विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस की दूसरी सूची जारी होने के बाद बाद पहली सूची से सुलगी चिंगारी आग बन चुकी है। रामनगर से पूर्व सीएम हरीश रावत का नाम घोषित होने के बाद कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष रणजीत रावत के बगावती सुर तेज हो गए हैं। वहीं लालकुआं से टिकट कटने के बाद पूर्व मंत्री हरीश दुर्गापाल ने पार्टी को ही अलविदा कह दिया। कालाढूंगी सीट से प्रबल दावेदार महेश शर्मा के समर्थकों में कड़ी नाराजगी है। हाईकमान से निर्णय बदलने की उम्मीद में अभी उन्होंने आगे का पत्ता नहीं खोला है। वहीं अब खबर आ रही है। पार्टी ने हाई कमान ने दूसरी सूची के सभी 11 नामों को होल्ड कर लिया है। ऐसे में बगावत वाली सीटों पर पार्टी पुनर्वविचार कर सकती है।
मंगलवार को रामनगर में रणजीत रावत के घर मोतीपुर में समर्थकों व कार्यकर्ताओं की बैठक हुई। कार्यकर्ताओं ने एलान कर दिया कि संगठन ने अपना निर्णय नहीं बदला तो वे रणजीत रावत को निर्दलीय चुनाव लड़ाएंगे। वहीं रणजीत ने कहा कि कई सीटों पर जमे हुए दावेदारों को इधर से उधर कर दिया गया है। समझ नहीं आ रहा कि पार्टी को ऐसी सलाह देने वाला कौन था? निर्दलीय चुनाव लडऩे के सवाल पर रावत ने कहा कि राजनीतिक, सामाजिक जीवन में अकेले का निर्णय नहीं होता है। हमारे सहयोगी जो निर्णय लेंगे उसी के अनुसार कदम उठाएंगे। हरदा का नाम लिए बिना कहा कि जो मुझे अब रामनगर से सल्ट जाओ कह रहे हैं, उन्होंने ही मुझे पहले यहां भेजा। पार्टी जमे हुए पौधे को उखाड़कर नया पौधा लगाने का काम कर रही है। ऐसे में पार्टी को कैसे जीत का फल मिलेगा। बुधवार को अवकाश की वजह से नामांकन नहीं होने हैं। लेकिन निर्णय ले लिया जाएगा।
लालकुआं में दुर्गापाल के आवास पर तीन घंटे ड्रामा
लालकुआं में पूर्व मंत्री हरीश चंद्र दुर्गापाल का टिकट कटने से नाराज कार्यकर्ता मंगलवार को हल्दूचौड़ स्थित उनके आवास पर जमा हो गए। इसी बीच कांग्रेस से घोषित प्रत्याशी संध्या डालाकोटी भी दुर्गापाल से मिलने पहुंचीं, लेकिन कार्यकर्ताओं ने उन्हें मिलने नहीं दिया। इस पर संध्या उनसे मुलाकात के इंतजार में आवास के बाहर ही बैठी रहीं। करीब एक घंटे बाद दुर्गापाल के कांग्रेस से इस्तीफे और पार्टी का झंडा भी आवास से निकाल देने पर संध्या समर्थकों के साथ लौट आईं। पूर्व मंत्री दुर्गापाल ने कहा कि कांग्रेस ने उनके साथ अन्याय किया है। अगर जनता चाहती है तो वह निर्दलीय चुनाव लड़ेंगे।
महेश की निगाहें अभी भी हाईकमान पर
टिकट फाइनल होने से पूर्व तक कालाढूंगी में सबसे मजबूत दावेदारी महेश शर्मा की मानी जा रही थी। लेकिन पार्टी ने महेश के साथ-साथ यहां से दावेदारी करने वाले अन्य नेता को दरकिनार पूर्व सांसद डा. महेंद्र पाल पर दांव खेल दिया। महेश ने कहा कि अंतिम समय तक मेरा नाम सबसे ऊपर था। वरिष्ठ नेताओं ने बधाई तक दे दी थी। इसके बाद टिकट न मिलने में खुद हैरत में हूं। कार्यकर्ताओं ने निर्दलीय मैदान में उतरने की बात कही है, लेकिन मुझे अभी भी हाईकमान से निर्णय बदलने की उम्मीद है।