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Uttarakhand Election 2022 : जिस-जिस का हिसाब चुकता करना है करेंगे, छोड़ेंगे नहीं, रणजीत रावत ने परोक्ष रूप से साधा निशाना

उत्तराखंड चुनाव 2022 बिना नाम लिए चेतावनी भरे अंदाज में कहा कि जिसका हिसाब चुकता करना है करेंगे छोड़ेंगे नहीं। निरोगी हूं। कोई दिक्कत नहीं है। अभी 20 साल किसी को फटकने नहीं दूंगा। चुनाव तक कांग्रेस का चुनाव निशान ही लक्ष्य होना चाहिए।

By Prashant MishraEdited By: Published: Thu, 27 Jan 2022 11:06 PM (IST)Updated: Thu, 27 Jan 2022 11:06 PM (IST)
Uttarakhand Election 2022 : जिस-जिस का हिसाब चुकता करना है करेंगे, छोड़ेंगे नहीं, रणजीत रावत ने परोक्ष रूप से साधा निशाना
रणजीत रावत ने कहा कि हमारे बीच जो मतभेद है। उसे भुलाना होगा। 14 फरवरी तक लड़ाई बंद।

संवाद सहयोगी, रामनगर : सल्ट से प्रत्याशी व कांग्रेस के कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष रणजीत रावत ने गुरुवार को पार्टी कार्यालय में रामनगर से प्रत्याशी महेंद्र सिंह पाल का स्वागत किया। पार्टी कार्यालय में कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए रणजीत रावत ने कहा कि हमारे बीच जो मतभेद है। उसे भुलाना होगा। मैं लड़ाका हूं, लड़ते रहता हूं। 14 फरवरी तक लड़ाई बंद।

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साथ ही बिना नाम लिए चेतावनी भरे अंदाज में कहा कि जिसका हिसाब चुकता करना है, करेंगे, छोड़ेंगे नहीं। निरोगी हूं। कोई दिक्कत नहीं है। अभी 20 साल किसी को फटकने नहीं दूंगा। चुनाव तक कांग्रेस का चुनाव निशान ही लक्ष्य होना चाहिए। वह अगले 20 साल तक छोडऩे वाले नहीं है। कार्यकर्ताओं से कहा कि आपकी उम्मीदों पर खरा नहीं उतर पाया। पार्टी ने मुझे रामनगर के योग्य नहीं समझा, लेकिन यहीं रहेंगे। कांग्रेस प्रत्याशी को जिताने के लिए जुटना होगा। महेेंद्र पाल से कहा कि वे पांच साल से कार्यकर्ताओं के साथ क्षेत्र में मेहनत कर रहे थे। पूरे पांच साल बूथों को मजबूत किया है। अब कार्यकर्ताओं से काम लेना आपका काम है। सल्ट के साथ रामनगर की सेवा भी करता रहूंगा।  

क्षमा, रामनगर क्षमा, अभिलाषा पूरी नहीं कर पाया 

रामनगर : क्षमा। मैं अपनी जिंदगी की एक बड़ी अभिलाषा को पूरा नहीं कर पाया। मां गिरिजा की प्रार्थना में मुझसे कुछ कमी रह गई। मां गिरिजा व रामनगर के लोगों से क्षमा चाहता हूं। गुरुवार को पूर्व सीएम हरीश रावत ने इंटरनेट मीडिया में अपनी यह भावुक पोस्ट डाली।

कहा- रामनगर से चुनाव नहीं लड़ पा रहा हूं, मगर रामनगर मेरे ह्दय में रहेगा। चुनाव लडूं न लडूं, रामनगर का था, रामनगर का रहूंगा। जिन कार्यकर्ताओं ने मुझे जिताने  के लिए दिन रात काम शुरू कर दिया था। मै उन सभी से भी क्षमा प्रार्थी हूं। पार्टी का आदेश मानना मेरा कर्तव्य है। मां गिरिजा व जनता का आशीर्वाद लेकर लालकुआं की धरती को प्रणाम करने जा रहा हूं।


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