बस स्टेशन पर आप जिलाध्यक्ष व रोडवेज अफसरों के बीच हंगामा, दुकान खाली कराने को लेकर नोकझोंक
रोडवेज अफसरों की मौजूदगी में दुकानों का सामान हटाने के पर आप जिलाध्यक्ष संतोष कबड़वाल मौके पर पहुंच गए। उन्होंने कहा कि मामला कोर्ट में चल रहा है। उसके बावजूद कोरोना काल में लोगों की मजबूरी को दरकिनार अफसर सियासी दबाव में आकर जबरन सामान बाहर फेंक रहे हैं।
जागरण संवाददाता, हल्द्वानी : रोडवेज स्टेशन पर दुकान के विवाद को लेकर शनिवार सुबह जमकर हंगामा हुआ। रोडवेज अफसरों की मौजूदगी में दुकानों का सामान हटाने के पर आप जिलाध्यक्ष संतोष कबड़वाल मौके पर पहुंच गए। उन्होंने कहा कि मामला कोर्ट में चल रहा है। उसके बावजूद कोरोना काल में लोगों की मजबूरी को दरकिनार रोडवेज के अफसर सियासी दबाव में आकर जबरन सामान बाहर फेंक रहे हैं। इस दौरान दोनों पक्षों कें बीच जमकर नोकझोंक हुई। बहरहाल परिवहन निगम ने एसडीएम हल्द्वानी को पत्र लिख जिलाध्यक्ष समेत अन्य लोगों की शिकायत करने के साथ दुकान व जमीन को मुक्त कराने के लिए मदद भी मांगी है।
बस स्टेशन स्थित दुकानों को नगर निगम द्वारा टेंडर के जरिये किराये पर दिया जाता है। पिछले साल 2020 में टेंडर की समय सीमा खत्म हो गई थी। हालांकि, लॉकडाउन व कोरोना काल होने के कारण निगम ने दोबारा टेंडर नहीं करवाया। वहीं, रोडवेज अफसरों का कहना है कि किराया भी नहीं मिलने के कारण दुकानों को संचालन अवैध तरीके से किया जा रहा था।
वहीं, शनिवार सुबह मंडलीय महाप्रबंधक यशपाल सिंह, एआरएम हल्द्वानी सुरेंद्र बिष्ट, स्टेशन इंजार्च रवि शेखर कापड़ी टीम लेकर दुकान खाली कराने को पहुंचे। और कर्मचारियों की मदद से सारा सामान बाहर कर दिया। इस बीच आम आदमी पार्टी के जिलाध्यक्ष संतोष कबड़वाल मौके पर पहुंच गए। उन्होंने कहा कि बेवजह कोविड कफ्र्यू में लोगों का उत्पीडऩ किया जा रहा है। फिलहाल खुद की संपति पर कब्जा पाने के लिए रोडवेज ने अब प्रशासन की शरण ली है। आप जिलाध्यक्ष ने मामला कोर्ट में चलने व महामारी की बात कहकर दुकान खाली न कराने की बात कह रहे हैं। वहीं रोडवेज के अधिकारियों ने बिना किराया दिए दुकान पर कब्जा करने की बात कह रहे हैं। अब यह राजनीतिक वर्चस्व की लड़ाई है या अधिकारियों की हठधर्मिता यह जांच के बाद सामने आएगा।
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