मुख्यमंत्री के गांव न आने से नाराज सीमांत के आपदा प्रभावितों ने किया प्रदर्शन
दो माह बाद आपदा प्रभावित एक ही क्षेत्र में पहुंचने से नाराज 14 गांवों के ग्रामीणों ने अपने-अपने गांवों में प्रदर्शन कर मुख्यमंत्री का पुतला फूंका।
मुनस्यारी, पिथौरागढ, जेएनएन: दो माह बाद आपदा प्रभावित एक ही क्षेत्र में पहुंचने से नाराज 14 गांवों के ग्रामीणों ने अपने-अपने गांवों में प्रदर्शन कर मुख्यमंत्री का पुतला फूंका। ग्रामीणों ने कहा कि चीन सीमा से लगी धारचूला और मुनस्यारी तहसीलों की उपेक्षा नहीं होने दी जाएगी। जिला पंचायत सदस्य जगत मर्तोलिया के आह्वान पर रांथी, दरांती, हरकोट, गैला सहित 14 गांवों के ग्रामीणों ने अपने-अपने गांवों में प्रदर्शन कर मुख्यमंत्री का पुतला फूंका। प्रदर्शन करते हुए ग्रामीणों ने कहा कि आपदा के दो माह बाद पहुंचे मुख्यमंत्री ने सिर्फ एक ही क्षेत्र का हाल जानने की जहमत उठाई है। क्षेत्र के दर्जनों गांवों के लोगों ने आपदा में अपना सब कुछ गंवा दिया। 25 लोगों की जान चली गई, लेकिन मुख्यमंत्री इन लोगों तक नहीं पहुंचे। ग्रामीणों ने इसे संवेदनहीनता बताते हुए कहा कि धारचूला और मुनस्यारी क्षेत्र की उपेक्षा बर्दाश्त नहीं होगी। आपदा प्रभावितों की समस्याएं और पुनर्वास के मामले में जल्द निर्णय नहीं होता है तो क्षेत्र के लोग उग्र आंदोलन को बाध्य होंगे। गांवों में प्रदर्शनकारियों का नेतृत्व दीपक जंगपागी, गणेश राम, लवराज, हेमा मेहरा, अंजना आदि ने किया।